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    Home»देश»आप परीक्षाओं की पूरी व्यवस्था बर्बाद कर रहे, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मुन्ना भाई अंदर रहना चाहिए
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    आप परीक्षाओं की पूरी व्यवस्था बर्बाद कर रहे, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मुन्ना भाई अंदर रहना चाहिए

    adminBy adminSeptember 9, 2025No Comments4 Views
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    नई दिल्ली 09 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक आरोपी से कहा कि वह पूरी सार्वजनिक परीक्षा प्रणाली को बर्बाद कर रहा है। व्यक्ति पर आरोप है कि उसने उत्तर प्रदेश में दिसंबर 2024 में हुई सीटीईटी (सीटीईटी) परीक्षा में अपने स्थान पर किसी और को बैठाया।

    जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘मुन्ना भाई अंदर रहना चाहिए।’ यह टिप्पणी 2003 की बॉलीवुड फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ की ओर इशारा करती है, जिसमें अभिनेता संजय दत्त ने मुन्ना भाई का किरदार निभाया था और परीक्षा में अपने स्थान पर किसी और को बैठाया था। पीठ ने कहा, आप पूरी सार्वजनिक परीक्षा प्रणाली को बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे लोगों की वजह से कई असली अभ्यर्थियों को नुकसान होता है।

    याचिकाकर्ता के वकील की दलील
    याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था और उनमें से दो को जमानत मिल चुकी है।उन्होंने यह भी कहा कि उस व्यक्ति को भी जमानत मिल चुकी है, जो दूसरे की जगह अभ्यर्थी बनकर परीक्षा देने बैठा था।
    कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया और इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर जवाब मांगा, जिसमें याचिकाकर्ता को जमानत देने से इनकार किया गया था। मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।

    क्या है मामला
    याचिकाकर्ता और अन्य लोगों के खिलाफ एक स्कूल के प्रिंसिपल की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ था। यह मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था।

    परीक्षा में क्या हुआ था?
    परीक्षा 15 दिसंबर 2024 को स्कूल में हुई थी। उस दौरान एक संदिग्ध अभ्यर्थी की जानकारी मिली थी। दोबारा जांच में पाया गया कि उसकी बायोमेट्रिक जानकारी मेल नहीं खा रही थी और असली याचिकाकर्ता संदीप सिंह पटेल की जगह कोई और व्यक्ति फर्जी एडमिट कार्ड के साथ परीक्षा दे रहा था।

    हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसे झूठा फंसाया गया है। उसने कहा कि परीक्षा वाले दिन वह बीमार था और अस्पताल में भर्ती था। उसने यह भी कहा कि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि कोई और व्यक्ति उसकी जगह परीक्षा दे रहा है।

    हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा, जब कोई किसी की जगह परीक्षा देता है, तो यह शिक्षा प्रणाली की साख को नुकसान पहुंचाता है और समाज पर गंभीर असर डालता है।

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