जम्मू 17 सितंबर। ‘जय माता दी’ के नारों के बीच जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा बुधवार को फिर से शुरू हो गई। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि विनाशकारी भूस्खलन के कारण 22 दिनों तक यात्रा स्थगित रही थी। इस भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो गई थी और 20 घायल हो गए थे।
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने आज सुबह से अनुकूल मौसम होने की स्थिति में यात्रा को फिर से शुरू करने की घोषणा की, जिससे कटरा शहर में डेरा डाले हुए कई श्रद्धालुओं के चेहरे खिल उठे। कटरा शहर तीर्थयात्रियों का आधार शिविर है। यात्रा के आरंभ स्थल, बाणगंगा दर्शनी द्वार पर सैकड़ों श्रद्धालु तड़के ही एकत्रित हो गए और यात्रा शुरू होने पर अपार खुशी और राहत व्यक्त की।
श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम और मंदिर तक जाने वाले मार्ग के आवश्यक रखरखाव के कारण अस्थायी रूप से स्थगित किए जाने के बाद, पहाड़ी पर स्थित मंदिर की ओर जाने वाले दोनों मार्गों से यात्रा सुबह छह बजे शुरू हो गई। अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं को वैध पहचान पत्र साथ रखने, निर्धारित मार्गों का पालन करने और जमीनी कर्मचारियों के साथ सहयोग करने की सलाह दी जाती है। उन्होंने बताया कि रेडियो फ्रीक्वेंसी परिचय पत्र (आरएफआईडी) आधारित ट्रैकिंग अनिवार्य रहेगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे और श्रद्धालुओं की जानकारी मिलती रहे। मंदिर बोर्ड ने अस्थायी निलंबन के दौरान धैर्य और समझदारी दिखाने के लिए सभी श्रद्धालुओं के प्रति आभार व्यक्त किया।
बताते चले कि 26 अगस्त को भूस्खलन के बाद यात्रा रोक दी गई थी. इससे पहले इस तरह का भूस्खलन 1970 में हुआ था. इस भूस्खलन ने यात्रा के रास्ते को पूरी तरह से बंद कर दिया था. यात्रा मार्ग को साफ करने और मरम्मत का काम तेजी से किया गया. श्राइन बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि कई चुनौतियों के बावजूद, बोर्ड ने यात्रा को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने के लिए रात-दिन काम किया.