संबलपुर 13 सितंबर। ओडिशा के संबलपुर में बामड़ा के तहसीलदार अश्विनी कुमार पंडा को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (विजिलेंस) की टीम ने शुक्रवार को घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. तहसीलदार अश्विनी कुमार पंडा पर आरोप है कि उन्होंने एक किसान से कृषि भूमि को आवासीय भूमि में बदलने के लिए म्यूटेशन केस में 20,000 रुपये की मांग की थी.
शिकायत मिलने पर विजिलेंस अधिकारियों ने जाल बिछाया और तहसीलदार को उनके ड्राइवर पी. प्रवीण कुमार के जरिए 15,000 रुपये रिश्वत लेते हुए धर दबोच लिया. दोनों को हिरासत में लिया गया और रिश्वत की पूरी राशि जब्त कर ली गई. 29 साल के अश्विनी पंडा की गिनती कभी ओडिशा के होनहार अधिकारियों में होती थी. उन्होंने फर्स्ट में बिना किसी कोचिंग के ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली थी और तहसीलदार बने थे, लेकिन अब उन पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगा है.
अश्विनी का संबंध जाजपुर के धर्मशाला ब्लॉक स्थित खेतरपाल गांव से है. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जनकल्याण हाई स्कूल से ली और फिर रावेंशा यूनिवर्सिटी से विज्ञान विषय में प्लस टू किया. इसके बाद 2015 में ब्रह्मपुर के एक निजी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. इंजीनियर बनने के बाद वह दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में तीन साल तक काम किया. फिर 2018 में नौकरी छोड़कर ओडिशा लौट आए और सरकारी सेवा की तैयारी में जुट गए.
पहले उन्होंने असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर (एएसओ) की परीक्षा दी, जिसमें वह सिर्फ 0.5 अंक से असफल रह गए थे. इसके बाद उन्होंने ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की. 2019 की प्रारंभिक परीक्षा मार्च में हुई थी, जबकि मुख्य परीक्षा कोविड महामारी के चलते देर से आयोजित की गई. तमाम अड़चनों के बावजूद उन्होंने सफलता हासिल की और एक आदर्श अफसर बनने की दिशा में कदम बढ़ाया.
लेकिन अब उसी अफसर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. विजिलेंस ने छापेमारी के दौरान उनके आवास से 4.73 लाख रुपये नकद बरामद किए है.