पटना 11 अक्टूबर। भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने शनिवार को खुद को भारतीय जनता पार्टी का ‘सच्चा सिपाही’ बताते हुए कहा कि वह बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर करते हुए इस बात पर जोर दिया कि वह चुनाव लड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर भोजपुरी गायक पवन सिंह ने कहा, “मैं पवन सिंह अपने भोजपुरी समाज को सूचित करना चाहता हूं कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी में शामिल नहीं हुआ हूं और न ही मेरा विधानसभा चुनाव लड़ने का इरादा है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा।”
भोजपुरी एक्टर पवन सिंह के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चल रही उनके नाम के अटकलों पर रोक लगा दी है. इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि पवन सिंह फिलहाल सियासी मंच पर चुनावी भागीदारी की बजाय पार्टी की ताकत बढ़ाने का काम करेंगे. माना जा रहा था कि वे बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ सकते थे. हालांकि, किस सीट पर उन्हें टिकट मिलता यह तय नहीं था.
बिहार में बीजेपी अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने वाली है. बीते कई दिनों से एक्टर पवन सिंह का नाम भी इनका हिस्सा रहे हैं. वे कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर चुके थे जिस वजह से माना जा रहा था कि वे भी चुनावी मैदान में उतर सकते थे. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह इस समय उनकी पत्नी ज्योति सिंह के साथ चल रहा विवाद हो सकता है.
भोजपुरी स्टार शाहाबाद क्षेत्र से आते हैं। यह बिहार की सियासत में काफी अहम है। इसमें भोजपुर, आरा, रोहतास, सासाराम, कैमूर भभुआ और बक्सर शामिल हैं। 2020 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। यहां पर 22 सीटों में से एनडीए केवल आठ सीटें ही जीत पाया। बाकी 14 सीटें विपक्षी महागठबंधन ने जीतीं। इससे यह क्षेत्र सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक बड़ी कमजोरी बन गया। 2024 के लोकसभा चुनावों में पवन सिंह के निलंबन और राजपूत और कुशवाहा समुदायों के बीच टकराव के बाद एनडीए को इस क्षेत्र की पांच में से चार सीटें गंवानी पड़ी।