Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • शत्रु संपत्ति पर मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया निर्णय है समाजहित में! सीएम साहब प्राधिकरणों और आवास विकास के अधिकारियों की मिलीभगत से घेरी जा रही सरकारी भूमि भी मुक्त कराईये
    • मंडप संचालक जनसमस्याओं के बारे में भी सोचें, अवैध रूप से किए गए निर्माण को पीछे हटाएं तो कारोबार चौपट होने की नौबत नहीं आएगी
    • आईएएस अफसर दंपती में विवाद, पति पर घरेलू हिंसा का मुकदमा
    • गिरवी चांदी न लौटाने पर बैंक रोजाना पांच हजार मुआवजा देंगे
    • शत्रु संपत्ति पर सरकार और नागरिकों का अधिकार: योगी
    • पिलखुवा में तीन संदिग्ध गिरफ्तार, 38 किलो एसिड, 2 के पास 2.5 किलो विस्फोटक बरामद
    • इटली के कपल ने बनारस के मंदिर में लिए 7 फेरे, सनातन संस्कृति से हुए प्रभावित
    • हाईवे पर तेज रफ्तार बाइक की ट्रक से भिड़ंत, हादसे में 3 नाबालिगों की मौत
    Facebook X (Twitter) Instagram
    tazzakhabar.comtazzakhabar.com
    Demo
    • न्यूज़
    • लेटेस्ट
    • देश
    • मौसम
    • स्पोर्ट्स
    • साइंसकारी
    • सेहत
    • टेक्नोलॉजी
    • एंटरटेनमेंट
    • ऑटो
    • चुनाव
    tazzakhabar.comtazzakhabar.com
    Home»देश»पक्षपात के चश्मे से नहीं पीड़ा भरी से भी देखा जाना चाहिएः अखिलेश
    देश

    पक्षपात के चश्मे से नहीं पीड़ा भरी से भी देखा जाना चाहिएः अखिलेश

    adminBy adminOctober 4, 2025No Comments8 Views
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn WhatsApp Reddit Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    लखनऊ 04 अक्टूबर। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की ‘क्राइम इन इंडिया 2023′ रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के स्थिति की तारीफ की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में यूपी में सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों की संख्या शून्य रही। ऐसे में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उनका कहना है कि भाजपा सरकार के कामकाज को सिर्फ पक्षपात के चश्मे से नहीं, बल्कि ‘पीड़ा भरी आँख’ से भी देखा जाना चाहिए।

    सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि एक आँकड़ा ये भी है। भाजपा सरकार के काम को सिर्फ पक्षपात के चश्मे से नहीं, पीड़ा भरी आँख से भी देखा जाए। उप्र में दलित दमन चरम पर है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि एक टीवी शो इस आँकड़े पर भी होना चाहिए। एक होर्डिंग इस सच का भी लगना चाहिए। एक विस्तृत रिपोर्ट इस पर भी समाचार के रूप में प्रसारित-प्रकाशित होनी चाहिए। एक एसआईटी इसकी विवेचना के लिए भी बननी चाहिए। एक अध्याय इसके लिए भी, पाठ्यक्रम में जोड़ा जाए।

    अखिलेश यादव ने ये भी कहा, एक जाँच आयोग इसके लिए भी बैठाया जाए। एक विशेष वाहिनी, दलित-दमन के उन्मूलन के लिए भी बनाई जाए। एक श्वेतपत्र इस काले अपराध पर भी आना चाहिए। एक रोड शो इस समस्या के बारे में भी जागरूकता फैलाने के लिए निकाला जाए। एक ‘पाँच हज़ार वर्षीय’ आयोजन, इस ऐतिहासिक उत्पीड़न की ‘पंच सहस्राब्दी’ के रूप में, चेतना जगाने के लिए भी आयोजित किया जाए।

    गौरतलब है कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 25 प्रतिशत कम रही। देश में कुल अपराध दर 448.3 थी, जबकि यूपी में यह केवल 335.3 दर्ज की गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2012-2017 के बीच यूपी में 815 दंगे हुए थे, जिनमें 192 लोग मारे गए। वहीं 2007-2011 में 616 घटनाओं में 121 मौतें हुईं। इसके विपरीत, 2017 के बाद कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ। बरेली और बहराइच में हुई दो हिंसक घटनाओं को भी सरकार ने 24 घंटे के भीतर नियंत्रित कर शांति बहाल कर दी।

    Akhilesh Yadav lucknow Samajwadi Party tazza khabar tazza khabar in hindi uttar-pradesh news
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram Email
    admin

    Related Posts

    शत्रु संपत्ति पर मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया निर्णय है समाजहित में! सीएम साहब प्राधिकरणों और आवास विकास के अधिकारियों की मिलीभगत से घेरी जा रही सरकारी भूमि भी मुक्त कराईये

    November 12, 2025

    मंडप संचालक जनसमस्याओं के बारे में भी सोचें, अवैध रूप से किए गए निर्माण को पीछे हटाएं तो कारोबार चौपट होने की नौबत नहीं आएगी

    November 12, 2025

    आईएएस अफसर दंपती में विवाद, पति पर घरेलू हिंसा का मुकदमा

    November 12, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.
    • About
    • Contact
    • Our Staff
    • Advertise

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.