नई दिल्ली 05 दिसंबर। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो की पिछले 4 दिनों से सैकड़ों फ्लाइट कैंसिल होने के बाद केंद्र सरकार बैकफुट पर आ गई है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के जिस नए नियम के कारण इंडिगो में पायलटों और अन्य स्टाफ की कमी हुई थी, वह फैसला केंद्र ने वापस ले लिया है। जिसके बाद सभी एयरलाइंस ने राहत की सांस ली है।
DGCA ने शुक्रवार को नोटिस जारी करते हुए इसकी जानकारी दी। DGCA ने 1 नवंबर से पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े नियम, फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) का दूसरा फेज लागू किया था। पहला चरण 1 जुलाई को लागू हुआ था।
FDTL के दूसरे फेज के नियमों में, एयरलाइन कंपनियों के लिए पायलटों को हफ्ते में 48 घंटे आराम, यानी दो दिनों का वीकली रेस्ट देना अनिवार्य कर दिया था। इस दौरान किसी छुट्टी को वीकली रेस्ट गिनने पर रोक लगा दी थी। DGCA ने पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के लगातार नाइट शिफ्ट पर भी पाबंदी लगाई थी।
बता दें कि DGCA ने सभी एयरलाइंस को दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा था कि फ्लाइट क्रू के लिए सप्ताह में अधिक आराम का समय निर्धारित किया जाए। रोस्टर में पायलट और क्रू के लिए नाइट शिफ्ट पहले 6 दिन थी, जिसे घटाकर 2 कर दिया गया था। रोस्टर में बदलाव के कारण क्रू मेंबर्स समय पर ड्यूटी पर नहीं पहुंच सके, जिससे कई सारी फ्लाइट्स रद कर दी गईं।
DGCA के इस आदेश का सबसे बड़ा असर इंडिगो एयरलाइंस पर देखने को मिला। पिछले 4 दिन में इंडिगो 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल कर चुका है और ज्यादातर उड़ानों में देरी देखी जा रही है। एयरपोर्ट पर यात्रियों की बढ़ती मुश्किलों को देखने के बाद DGCA ने अब अपना आदेश वापस ले लिया है।
DGCA के नए रोस्टर के नियम?
DGCA ने रोस्टर में बदलाव करते हुए 3 बड़े आदेश जारी किए थे।
क्रू मेंबर्स को सप्ताह में आराम का पर्याप्त समय मिलना चाहिए।
पायलट्स समेत क्रू मेंबर्स की नाइट शिफ्ट को 6 से घटाकर 2 कर दिया गया।
क्रू मेंबर्स के लिए ड्यूटी के घंटे कम करने का आदेश दिया गया।
DGCA ने क्रू मेंबर्स के लिए उड़ान के समय पर लिमिट लगाई थी। इसके तहत क्रू मेंबर्स हर दिन 8 घंटे, हर सप्ताह 35 घंटे, हर महीने 125 घंटे और हर साल 1,000 घंटे ही उड़ान भर सकतें हैं। DGCA ने इन आदेशों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया था।
DGCA के इस आदेश का सबसे बड़ा झटका फास्ट-टर्नअराउंड मॉडल वाली एयरलाइंस को लगा है। ऐसे में उन्हें हर फ्लाइट में ज्यादा पायलट नियुक्त करने पड़ते हैं। खासकर इंडिगो का ओवरनाइट नेटवर्क इस बदलाव से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।

