बिलासपुर (रामपुर) 20 नवंबर। हाईकोर्ट में चल रहे अवमानना के मामले में 21 नवंबर को होने वाली सुनवाई से दो दिन पहले प्रशासन ने गुरुद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह पसियापुरा का संचालन गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह शहीद स्मारक सेवा ट्रस्ट को सौंप दिया। अधिकार मिलने के बाद बुधवार को धार्मिक कार्यों का संचालन भी शुरू हो गया। प्रशासन की एक पक्ष को अपने चहेतों को गुरुद्वारा संचालन सौंपने की मंशा नाकाम हो गई।
बुधवार शाम उप जिलाधिकारी अरुण कुमार और पुलिस क्षेत्राधिकारी रविंद्र प्रताप सिंह पसियापुरा गुरुद्वारे पहुंचे। वहां हजारा परिवार पक्ष को भी बुलाया गया था। एसडीएम ने इस पक्ष की संस्था गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह शहीद स्मारक सेवा ट्रस्ट की मुख्य ट्रस्टी सतनाम कौर को गुरुद्वारे की चाबियां और प्रबंधन की कमान सौंपी। ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने इसके बाद गुरुद्वारे में मत्था टेककर अरदास की और प्रशासन का आभार जताया।
गुरुद्वारे के प्रबंधन और संचालन को लेकर पिछले करीब तीन सालों से हजारा परिवार पक्ष और बाबा अनूप सिंह पक्ष में विवाद चला आ रहा था। इस दौरान अक्सर नए घटनाक्रम होते रहते थे।
बीती 15 सितम्बर को गुरुद्वारे में दोनों पक्षों के बीच धारदार हथियार चले थे और फायरिंग भी हुई थी। इसके बाद तत्कालीन डीएम व एसपी ने गुरुद्वारे पर तालाबंदी कराकर क्यूआरटी, पीएसी समेत जिले भर से बुलाई गई भारी फोर्स तैनात कर दी थी। तब से यही स्थिति लगातार चली आ रही थी।
यह मामला दोनों पक्षों के बीच न्यायालय में भी पहुंच चुका है और सिविल न्यायालय व उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। बीते दिनों सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ने स्थानीय प्रशासन को गुरुद्वारे के प्रबंधन का अधिकार हजारा परिवार पक्ष को देने के आदेश दिए थे।
एसडीएम अरुण कुमार ने बताया कि न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में ट्रस्ट को गुरुद्वारे के प्रबंधन का अधिकार सुनिश्चित किया गया है। सीओ रविंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मौके पर कोई विरोध नहीं पाया गया, लेकिन एहतियात के तौर पर सुरक्षा व्यवस्था अभी यथावत रहेगी। हजारा परिवार पक्ष के सतेन्द्र सिंह ने न्यायालय से मिली राहत पर संतोष व्यक्त किया है। दूसरी ओर, बाबा अनूप सिंह पक्ष के जसजीत सिंह ने प्रशासन की इस कार्रवाई को गलत बताया है और कहा है कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
ट्रस्टी पक्ष के सतेंद्र सिंह के अनुसार, एसडीएम व कोतवाली प्रभारी ने तीन सप्ताह के अंदर आदेशों का अनुपालन कराने के लिए समय मांगा था। 21 नवंबर को हाईकोर्ट में आदेश की अवहेलना मामले में तारीख भी नियत है। बुधवार दोपहर करीब 2:30 बजे एसडीएम अरुण कुमार, सीओ रविंद्र प्रताप सिंह, कोतवाली प्रभारी बलवान सिंह पुलिस बल के साथ नवाबगंज पहुंचे।
सिविल न्यायालय के आदेशों का अनुपालन कराते हुए ट्रस्टी सतनाम कौर को गुरुद्वारे में प्रवेश कराया और जिम्मेदारी सौंप दी। ट्रस्टी सतनाम कौर ने बताया, पुलिस-प्रशासन ने हाईकोर्ट की तारीख से दो दिन पहले उन्हें गुरुद्वारे का संचालन सौंपा है।

