दिल्ली में हुई दिल दहलाने वाली घटना के बाद अब खुलकर सामने आ रहा है कि कुछ अन्य स्थानों पर भी बड़े पैमाने पर धमाके होने थे और इसके लिए ३२ गाड़िया तैयार करने की योजना थी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कह रहे हैें कि दोषियों को ऐसी सजा मिलेगी जो मिसाल बनेगी वहीं कुछ सलाह दे रहे हैं कि आम आदमी पुरानी गाड़ियां एजेंसियों के द्वारा ही बेचे आम आदमी को नहीं। जो भी है सब देश में भयमुक्त वातावरण और कानून का राज कायम करने की बात को दृष्टिगत रख सब सलाह दे रहे हैं। घटना की हर स्तर पर निंदा हो रही है। विदेशों के राष्ट्राध्यक्ष एकजुटता दर्शा रहे हैं। देशभर में गांव हो या देहात सभी में सुरक्षा के दृष्टिकोण से चौकिंग और छापेमारी अभियान चल रहा है। जिन लोगों के शामिल होने की खबर है उनकी तलाश में तेजी लाई गई है। सब अपनी अपनी राय सकारात्मक रूप से दे रहे हैं। मेरा मानना है कि केंद्रीय गृहमंत्री एक आदेश करें और देशभर में जो पुराने शहर और नई कॉलोनियों में बने मकानों में किराएदार बस रहे हैं उनकी गहन जांच होनी चाहिए और मकान मालिकों को यह निर्देश दिया जाए कि किराएदार रखने से पहले पुलिस के निर्देशों पर अमल किया जाए।
क्योंकि आज तक जितने ऐसे बड़े प्रकरणों से तथ्य उभरकर सामने आ रहे हैं उनसे पता चलता है कि ज्यादातरण प्रकरणों में युवा किराएदार शामिल रहे। हर किसी को एक लाठी नहीं हांका जा सकता और ना ही जितने काले मेरे बाप के साले वाली कहावत पर नहीं चला जा सकता। सब लोगेां की सोच भी एक जैसी नहीं होती इसलिए यह कहना कि ऐसे हमलों में किराएदार शामिल है बिल्कुल गलत है। एजेंसियों को जांच करानी चाहिए जिससे लोगेां को मानसिक तनाव की स्थिति से ना गुजरना पड़ा। संदिग्ध लोगों के दिखने पर तुरंत कार्रवाई हो और यह तो सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हो पाएं। जहां तक नागरिकों की बात है तो वो हमेशा सरकार पुलिस शासन प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाए खड़ा नजर आता है।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
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