लखनऊ 27 नवंबर। एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए नीट परीक्षा पास कराने और नामी कॉलेजों में दाखिला कराने का झांसा देकर ठगने वाले दो जालसाजों को साइबर क्राइम सेल और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने बुधवार को गिरफ्तार किया है। आरोपित कई राज्यों में स्टडी पाथवे कंसलटेंसी नाम से ऑफिस खोलकर फर्जीवाड़ा कर चुके हैं। पुलिस का दावा है कि आरोपित अब तक करीब 100 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। आरोपितों के खिलाफ नई दिल्ली, गौतमबुद्धनगर, बिहार, सहारनपुर, प्रयागराज और लखनऊ में साइबर क्राइम थाना और विभूतिखंड थाने में 18 मुकदमे दर्ज हैं।
डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित ने बताया कि आरोपित बिहार औरंगाबाद ग्राम फतेहपुर निवासी प्रेम प्रकाश विद्यार्थी और बिहार के समस्तीपुर निवासी संतोष को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपित ऑनलाइन कंपनियों से उन छात्र-छात्राओं का डेटा कलेक्ट करते थे, जिनकी नीट में मेरिट कम आती थी। फिर अखबार, फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी ‘स्टडी पाथवे कंसलटेंसी’ का प्रचार करते थे।
इनमें एक युवक बीटेक पास है, जबकि दूसरा 12वीं तक पढ़ा है। दोनों ने बताया कि वे टैंगो नाम की एक डेटिंग एप पर सक्रिय थे। यहां से लड़कियों के नंबर जुटाते थे। इसके बाद उन्हें अपने जाल में फंसाते थे। फिर इन्हें टेली कॉलर बनाते थे।
दोनों युवकों ने प्राइवेट साइबर कंपनियों से स्टूडेंट्स का डेटा खरीद रखा था। टेली कॉलर लड़कियों से स्टूडेंट्स को कॉल करवाते थे। उन्हें पेरेंट्स के साथ अपने ऑफिस बुलाते थे। एक राज्य में ठगी करने के बाद ये लोग ऑफिस बंद कर दूसरे राज्य में नया ऑफिस खोल लेते थे।
इन लोगों ने बाराबंकी और सीतापुर के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 100% एडमिशन का भरोसा दिलाया और स्टूडेंट्स से खातों में रुपए ट्रांसफर करा लिए। इसी की शिकायत पर दोनों को पकड़ा गया। बाद में हुई पूछताछ में 100 करोड़ की ठगी का पता चला।
डीसीपी ने बताया कि प्रेम प्रकाश ने डीपीएस जूनियर स्कूल खोलने की योजना बनाई थी। स्कूल को प्रमोट करने के लिए उसने पटना और बनारस में प्रोग्राम किया। पटना में गोविंदा और बनारस में प्रीति जिंटा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई थी। डीपीएस जूनियर स्कूल की 70 लोगों को फ्रेंचाइजी दी। उनसे 3-3 लाख रुपये सिक्यॉरिटी के रूप में वसूले। यही नहीं फ्रेंचाइजी लेने वालों से रीडिंग मटीरियल, यूनिफॉर्म के एवज में भी लाखों रुपये ऐंठे।
प्रेम प्रकाश विद्यार्थी ने मथुरा जीएलए कॉलेज से बी-टेक किया है। वर्ष 2011 से उसने इंजिनियरिंग की पढ़ाई के दौरान मेडिकल संस्थानों में एडमिशन करवाने का झांसा देकर अभिभावकों को ठगना शुरू कर दिया था। उसका साथी संतोष कक्षा 6 तक पढ़ा है। संतोष को वह तीस हजार रुपये प्रति माह सैलरी देता था। आरोपित प्रेम प्रकाश 14 वर्षों से जालसाजी कर रहा है।
डीसीपी ने बताया कि प्रेम प्रकाश ने अभिनव शर्मा, राजीव सिंह, संजीव सिंह, सर्वेश शुक्ला समेत कई नामों से आईडी बनवा रखी है। हर शहर में वह अलग आईडी का इस्तेमाल करता है। होटल में ठहरने और अन्य संस्थानों में संतोष की आईडी लगाता था। जिसकी वजह से पुलिस उस तक पहुंच नहीं पाती थी।
डीसीपी के मुताबिक प्रेम प्रकाश विद्यार्थी ने बनारस, दिल्ली, बिहार समेत कई शहरों में प्रॉपर्टी खरीदी है। बिहार के औरंगाबाद में आरोपित के मकान की कीमत चार करोड़ से अधिक आंकी जा रही है। प्रेम प्रकाश सऊदी अरब, वियतनाम, सिंगापुर, थॉइलैंड, रूस, स्विट्जरलैंड जा चुका है। लखनऊ में उसने करीब 25 लाख रुपये की जूलरी खरीदी थी।

