मुजफ्फरपुर, 11 सितंबर। पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने मामले के तीन दोषियों को आजीवन कारावास और 30-30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। तीनों आरोपित विजय कुमार गुप्ता, रोहित कुमार सोनी और सोनू कुमार गुप्ता को हत्या की धारा 302, षड्यंत्र की धारा 120 बी में आजीवन कारावास और 20 हजार जुर्माना के साथ आर्म्स एक्ट की धारा 27 में सात वर्ष कैद व 10 हजार जुर्माना की सजा हुई है। कैद की सभी सजा साथ-साथ चलेगी।
विशेष न्यायाधीश नमिता सिंह ने 133 पन्ने के फैसले में पीड़ित पक्ष को मुआवजा भुगतान का भी आदेश दिया है। मुआवजे के लिए आदेश की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकार को भेजी जाएगी।
‘हिन्दुस्तान’ के पत्रकार राजदेव रंजन की 13 मई 2016 को सीवान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सीबीआई के वरीय विशेष लोक अभियोजक राकेश दुबे ने बताया कि मामले में 69 गवाहों का बयान हुआ।
इस मामले में कोर्ट ने 30 अगस्त को तीनों को दोषी करार दिया था। सीबीआई पटना के वरीय विशेष लोक अभियोजक राकेश दूबे ने बताया कि 30 अगस्त को दोषमुक्त किए गए सिवान के नगर थाने के रामनगर निवासी अजहरुद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां, बबुनिया रोड अड्डा नंबर दो के राजेश कुमार और बड़ी मस्जिद चौक बाजार के रिशु कुमार जायसवाल को बरी करने के विरुद्ध अपील में जाएंगे।
वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता शरद सिन्हा ने कहा फैसला पक्ष या विपक्ष में आना सराहनीय है। तीनों को मिली सजा के विरुद्ध अपील में जाएंगे। विदित हो कि 13 मई 2016 को सिवान रेलवे स्टेशन के पास पत्रकार राजदेव रंजन की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी पत्नी आशा यादव ने सिवान के नगर थाने में प्राथमिकी कराई थी। इसमें अज्ञात को आरोपित किया था।
प्राथमिकी में कहा था कि पति एक दैनिक समाचार पत्र में ब्यूरो प्रभारी थे। घटना के दिन वह शाम सवा सात बजे कार्यालय में थे। इसी बीच उन्हें काल आई तो स्टेशन रोड गए। वहां पहले से घात लगाए पेशेवर बदमाशों ने उन्हें रोका। इसके बाद साइलेंसर युक्त बंदूक से उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। पांच गोलियां राजदेव रंजन के पेट, सिर व गले में लगीं। मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। पहले इस केस की जांच पुलिस कर रही थी।
पुलिस ने घटना में सात आरोपितों की संलिप्तता पाई थी। इसमें एक किशोर था। किशोर का ट्रायल अलग से चल रहा है। पुलिस के बाद सीबीआई ने मामले की जांच की। सेशन ट्रायल में आठ वर्ष तक मामला चला।
पुलिस ने छह पर की थी चार्जशीट
पुलिस ने छह आरोपितों पर 20 अगस्त, 2016 को चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें सिवान जिले के नगर थाने के रामनगर के लड्डन मियां उर्फ अजहरुद्दीन बेग, मौलेश्वरी चौक के रोहित कुमार सोनी, शुक्ला टोली के विजय कुमार गुप्ता, बबुनिया रोड अड्डा नंबर दो के राजेश कुमार, शुक्ला टोली के सोनू कुमार गुप्ता व बड़ी मस्जिद चौक बाजार के रिशु कुमार जायसवाल थे।
इसके बाद केस की जांच का जिम्मा 15 सितंबर, 2016 को सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई ने केस की जांच में सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित आठ आरोपितों के विरुद्ध विशेष सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। सत्र विचारण के दौरान कोरोना काल में आरोपित शहाबुद्दीन की मौत हो गई थी। कोर्ट ने उनके विरुद्ध इस मामले में साक्ष्य नहीं पाया।