नई दिल्ली 25 दिसंबर। केंद्र सरकार ने दिल्ली मेट्रो के तीन नए कॉरिडोर की घोषणा कर वाहनों के प्रदूषण से जूझ रही राजधानी समेत एनसीआर क्षेत्र को बड़ी राहत दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मेट्रो नेटवर्क के इस विस्तार के लिए 12014.91 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। मेट्रो के चरण 5 (ए) के तहत तैयार की जाने वाली इन परियोजनाओं से दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में 16 किमी का विस्तार होगा, जिससे 395 किमी से बढ़कर यह 400 किमी को पार कर जाएगा।
इन परियोजनाओं में कुल 13 नए स्टेशन होंगे, जिनमें से तीन एलिवेटेड होंगे। नए कॉरिडोर में रामकृष्ण आश्रम मार्ग से इंडिया गेट होते हुए इंद्रप्रस्थ, एयरोसिटी से आइजीआइ टर्मिनल-1 और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज कॉरिडोर शामिल हैं। परियोजना का निर्माण तीन साल में पूरा होगा।
परियोजनाओं की लागत
आरके आश्रम-इन्द्रप्रस्थ कारिडोर -9,570.4 करोड़
एयरोसिटी-एयरपोर्ट टर्मिनल-1 -1,419.6 करोड़
तुगलकाबाद-कालिंदी कुंज -1,024.8 करोड़
कैबिनेट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि दिल्ली मेट्रो के इस नए फेज के तहत तीन नए कॉरिडोर के लिए कैबिनेट की मंजूरी से हमारी राजधानी का मेट्रो नेटवर्क बढ़ेगा, जिससे लोगों का जीवन आसान होगा और भीड़ कम होगी।
ये कॉरिडोर प्रदूषण और वाहन ईंधन के इस्तेमाल को और कम करेंगे। फेज-5 (ए) परियोजना के मध्य दिल्ली, मजेंटा लाइन और गोल्डन लाइन के ये विस्तार सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेंगे। इस प्रकार मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
वैष्णव ने कहा कि सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर के शुरू होने से कर्तव्य भवन परिसर के सभी सरकारी कार्यालय मेट्रो से जुड़ जाएंगे। इससे इस क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को आवागमन की सुविधा मिलेगी। इससे रोजाना करीब 60,000 कर्मचारी और लगभग दो लाख आगंतुक लाभान्वित होंगे। वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी 395 किलोमीटर लंबाई की 12 मेट्रो लाइनों का संचालन कर रहा है, जिनमें 289 स्टेशन शामिल हैं। दिल्ली मेट्रो आज देश का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और दुनिया के प्रमुख मेट्रो नेटवर्कों में भी शामिल है।
पांच लाख करोड़ की योजनाएं मंजूर
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में अब तक करीब पांच लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। कैबिनेट बैठक के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि ये परियोजनाएं हवाईअड्डों, बंदरगाहों, राजमार्गों और रेलवे से जुड़ी हैं। वैष्णव के अनुसार, हवाईअड्डा क्षेत्र में बागडोगरा, बिहटा, वाराणसी और कोटा में विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिन पर कुल 7,339 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बंदरगाह और जहाजरानी क्षेत्र में महाराष्ट्र के दहाणु के पास वधावन में एक बड़े बंदरगाह के निर्माण सहित शिपबिल्डिंग और समुद्री विकास सुधारों को मंजूरी दी गई है। इस क्षेत्र में कुल निवेश 1,45,945 करोड़ रुपये का है, जिससे समुद्री क्षमता और लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ेगी।

