नई दिल्ली 22 दिसंबर। गूगल ने अपने पुराने और भरोसेमंद गूगल असिस्टेंट को अपने नए और स्मार्ट एआई जेमिनी के साथ योजना में थोड़ा बदलाव किया है। कंपनी ने पुष्टि की है कि यह बदलाव अब 2025 के बजाय 2026 तक पूरा होगा। इसका मतलब है कि यूजर्स को पुराने असिस्टेंट के साथ थोड़ा और समय बिताने का मौका मिलेगा। जबकि गूगल अपने नए एआई के अनुभव को और बेहतर बनाने पर काम कर रहा है।
इस साल की शुरुआत में गूगल ने स्मार्टफोन के इस्तेमाल के तरीके को बदलने का एक बड़ा विजन पेश किया था। गूगल का प्लान था कि कमांड-आधारित वॉयस असिस्टेंट को हटाकर एक ऐसे एआई को लाया जाए जो तर्क कर सके और संदर्भ को गहराई से समझ सके। मार्च में हुई घोषणा में संकेत दिया गया था कि नए एंड्रॉयड फोन से पुराना असिस्टेंट जल्द ही गायब हो जाएगा और उसकी जगह जेमिनी ले लेगा। लेकिन, गूगल के लिए यह सिर्फ एक नाम बदलने जैसा नहीं है। गूगल इसे एक बुनियादी बदलाव के रूप में देख रहा है। जिसमें एआई आपसे प्राकृतिक तरीके से बातचीत कर सके और आपके फोन के अन्य एप्स के साथ मिलकर काम कर सके। जेमिनी लाइव जैसे फीचर्स और मुश्किल सवालों के जवाब देने की क्षमता इसे पुराने असिस्टेंट से काफी बेहतर बना देती है।
बड़ी महत्वाकांक्षाओं के बीच वियर ओएस और एंड्रॉयड ऑटो पर शुरुआती लॉन्च के बावजूद गूगल अब थोड़ी सावधानी बरत रहा है। कंपनी चाहती है कि असिस्टेंट से जेमिनी पर जाने का अनुभव यूजर्स के लिए पूरी तरह से ‘बेरोक-टोक’ हो, यानी इसमें कोई तकनीकी दिक्कत न आए। गूगल ने अपने सपोर्ट पेज पर चुपचाप एक अपडेट दिया है, जिससे साफ होता है कि मोबाइल यूजर्स को जेमिनी पर शिफ्ट करने की प्रक्रिया अब 2026 तक जारी रहेगी।
एंड्रॉयड यूजर्स के लिए इसका क्या मतलब है?
अगर आपके पास एंड्रॉयड फोन है, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आपका पुराना गूगल असिस्टेंट रातों-रात गायब नहीं होगा। आप अभी भी टाइमर सेट करने, कॉल करने या छोटे सवालों के जवाब पाने के लिए असिस्टेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप नए एआई फीचर्स का अनुभव लेना चाहते हैं, तो आप जेमिनी एप को मैनुअली डाउनलोड करके इसे आजमा सकते हैं। भविष्य में, जेमिनी ही डिफॉल्ट असिस्टेंट बन जाएगा, जो न सिर्फ आपके रोजमर्रा के काम करेगा बल्कि आपके फोन के अलग-अलग एप्स से डाटा लेकर आपको स्मार्ट मदद भी देगा।
आगे क्या होगा?
यह देरी दिखाती है कि गूगल इतना बड़ा बदलाव करने में जल्दबाजी नहीं करना चाहता। एक ऐसा सिस्टम जो करीब 10 वर्षों से एंड्रॉयड की रीढ़ रहा है, उसे बदलना आसान नहीं है। इसके लिए अरबों डिवाइसेज पर कड़ी टेस्टिंग की जरूरत है। गूगल का अंतिम लक्ष्य धीरे-धीरे असिस्टेंट को हटाना और टेबलेट, हेडफोन, स्मार्ट होम गियर और कारों में जेमिनी को पूरी तरह से इंटीग्रेट करना है। उम्मीद है कि 2026 की पहली छमाही में इस बदलाव में तेजी देखने को मिलेगी।

