लंदन,19 जुलाई। खेल की दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन फीफा वर्ल्ड कप अगले साल अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको में आयोजित होगा। इसमें दुनिया की 48 टीमें भाग लेंगी। एक नए अध्ययन में दावा किया गया कि फीफा पुरुष विश्व कप टूर्नामेंट अपने खेल के इतिहास में जलवायु को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला आयोजन बनने की राह पर है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, टूर्नामेंट के दौरान करीब 90 लाख टन से अधिक कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन होगा, जिससे आबोहवा सबसे ज्यादा प्रदूषित होगी। ब्रिटेन के संगठन साइंटिस्ट्स फॉर ग्लोबल रिस्पॉन्सिबिलिटी ने रिपोर्ट जारी की है। इसमें 2026 में होने वाले खेल आयोजन से जुड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का आकलन किया गया है। अध्ययन में एसजीआर के अलावा एनवायर्नमेंटल डिफेंस फंड, द स्पोर्ट फॉर क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क और न्यू वेदर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक शामिल रहे।
माध्यम वर्ष 2026 2030
हवाई मार्ग के जरिये 7.72 4.78
नए स्टेडियम निर्माण 0.30 0.27
गाड़ियां या अन्य 1.00 1.04
कुल उत्सर्जन 9.02 6.09
(नोट : आंकड़े मिलियन टन में)
फीफा की बहु-देशीय और अब बहु-महाद्वीपीय आयोजन नीति (2030 में 6 देशों और 2034 में सऊदी अरब) भविष्य में जलवायु संकट को और गहरा कर सकती है। वैज्ञानिकों ने फीफा से अपील की है कि वह तत्काल रूप से उत्सर्जन कम करने के उपाय करे और पर्यावरणीय जिम्मेदारी निभाए क्योंकि अब खेल के मैदान में सिर्फ गोल नहीं, ग्रह की सुरक्षा भी दांव पर है।