Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • रोहतक में ASI संदीप ने की आत्महत्या, पूरन कुमार पर लगाए आरोप; चार पेज का सुसाइड नोट
    • बिहार चुनावों के लिए बीजेपी ने जारी की 71 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट
    • मुजफ्फरनगर में पुलिस-ट्रांसफार्मर चोरों के बीच मुठभेड़, 4 बदमाशों के पैरों में लगी गोली, 6 गिरफ्तार
    • डब्ल्यूएचओ ने तीन भारतीय फार्मा कंपनियों द्वारा निर्मित कफ सिरप को लेकर जारी की सख्त चेतावनी
    • SMS अस्पताल के घूसखोर डॉक्टर के लॉकर से निकला 1 करोड़ रुपये का सोना, जांच जारी
    • सिवनी हवाला केस में एसडीओपी पूजा पांडे गिरफ्तार, 11 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर
    • परियोजनाओं की गुणवत्ता से समझौता नहीं : गडकरी
    • अब ‘प्रोफेसर’ बनेंगे बॉबी देओल, दिवाली के 1 दिन पहले करेंगे धमाका
    Facebook X (Twitter) Instagram
    tazzakhabar.comtazzakhabar.com
    Demo
    • न्यूज़
    • लेटेस्ट
    • देश
    • मौसम
    • स्पोर्ट्स
    • साइंसकारी
    • सेहत
    • टेक्नोलॉजी
    • एंटरटेनमेंट
    • ऑटो
    • चुनाव
    tazzakhabar.comtazzakhabar.com
    Home»देश»डिग्री घोटालाः वीसी की 20 करोड़ की संपत्तियां अटैच
    देश

    डिग्री घोटालाः वीसी की 20 करोड़ की संपत्तियां अटैच

    adminBy adminJuly 29, 2025No Comments0 Views
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn WhatsApp Reddit Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    शिलांग 22 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिलांग उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने तीन जुलाई 2025 को एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया है, जिसमें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत सीएमजे विश्वविद्यालय के कुलाधिपति चंद्र मोहन झा और उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली 20.28 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। कुर्क की गई संपत्तियों में नई दिल्ली में 19.28 करोड़ रुपये मूल्य की 4 अचल संपत्तियां और बैंक में जमा राशि (बैंक बैलेंस) के रूप में एक करोड़ रुपये की चल संपत्ति शामिल है। यह कदम चंद्र मोहन झा द्वारा उत्पन्न अपराध की आय (पीओसी) का पता लगाने के ईडी के प्रयासों के अनुसरण में उठाया गया है, जिन्होंने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर पैसे के बदले फर्जी डिग्रियां जारी कीं।

    ईडी ने सीआईडी पुलिस स्टेशन, ईस्ट खासी हिल्स, शिलांग में सीएमजे विश्वविद्यालय के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की थी। मेघालय के पूर्व राज्यपाल के कहने पर आईएएस एमएस राव को गिरफ्तार किया गया था, जो विश्वविद्यालय के विजिटर भी थे। सीआईडी द्वारा मामले की जांच में विश्वविद्यालय से संबंधित कई अनियमितताएं उजागर हुईं, जिनमें डिग्रियां बेचना भी शामिल था, जिसके माध्यम से विश्वविद्यालय के हितधारकों ने अनुमानित 83 करोड़ रुपये का पीओसी अर्जित किया।

    ईडी ने विश्वविद्यालय के प्रायोजकों द्वारा तैयार किए गए पीओसी का पता लगाया था। इससे पहले भी कई मौकों पर अवैध संपत्ति को कुर्क किया गया है। 31 मार्च 2017, 30 नवंबर 2021 और 11 जुलाई 2024 को अनंतिम कुर्की आदेश जारी करके, ईडी पहले ही चंद्र मोहन झा और उनके परिवार के सदस्यों के कब्जे में क्रमशः 27.66 करोड़ रुपये, 13.54 करोड़ रुपये और 7.56 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुका है।

    आगे पीओसी का पता लगाने के प्रयास में, ईडी ने 12, 21 और 23 दिसंबर 2024 को विभिन्न परिसरों में तलाशी ली, जिसके परिणामस्वरूप 1.15 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस को फ्रीज कर दिया गया।

    इन तलाशियों से पहले और उसके दौरान, चंद्र मोहन झा और उनके परिवार के सदस्यों के कब्जे में कई संपत्तियां सामने आईं, जो उन्होंने धोखाधड़ी करके हासिल की थीं। इन संपत्तियों में 2013 और 2022 के बीच खरीदी गई 4 अचल संपत्तियां शामिल हैं। एक करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस, जिसे चंद्र मोहन झा ने ईडी से छिपाने के लिए 16/12/2024 को धोखे से अपने एक पारिवारिक सदस्य को हस्तांतरित कर दिया था, बाद में उजागर हुआ। जांच एजेंसी द्वारा 20.28 करोड़ रुपये मूल्य की ये संपत्तियां अब 03/07/2025 की अनंतिम कुर्की के माध्यम से कुर्क कर ली गई हैं।

    बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने गत फरवरी में चंद्र मोहन झा (सीएमजे) विश्वविद्यालय को बंद करने का आदेश दिया था। सर्वाेच्च अदालत ने कुप्रबंधन एवं कई अन्य खामियों के चलते इस संस्थान को बंद करने के राज्य सरकार के 2014 के फैसले को बरकरार रखा। न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने माना था कि कुलपति की नियुक्ति के लिए सीएमजे विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 14(1) के तहत निर्धारित प्रक्रिया का उचित पालन नहीं किया गया। उच्च न्यायालय की खंडपीठ का चंद्र मोहन झा (सीएमजे) विश्वविद्यालय के कुलाधिपति की नियुक्ति को अवैध करार देना, यह निर्णय सही है।

    सर्वाेच्च अदालत ने कहा था, हम मानते हैं कि (विश्वविद्यालय) बंद करने का 31 मार्च 2014 का आदेश, अधिनियम की धारा 48 के तहत उल्लिखित प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं का सख्ती पालन करते हुए और इस अदालत द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में पारित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट, 31 मार्च 2014 के आदेश के तहत सीएमजे विश्वविद्यालय को बंद करने के राज्य सरकार के फैसले की पुष्टि करता है। इस विश्वविद्यालय ने 2012 और 2013 के बीच रिकॉर्ड संख्या में 434 पीएचडी डिग्रियां प्रदान की थी। इतना ही नहीं, इस विश्वविद्यालय ने यूजीसी द्वारा स्थापित मानदंडों का उल्लंघन करते हुए 490 से अधिक पीएचडी विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन किया था।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram Email
    admin

    Related Posts

    रोहतक में ASI संदीप ने की आत्महत्या, पूरन कुमार पर लगाए आरोप; चार पेज का सुसाइड नोट

    October 14, 2025

    बिहार चुनावों के लिए बीजेपी ने जारी की 71 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट

    October 14, 2025

    मुजफ्फरनगर में पुलिस-ट्रांसफार्मर चोरों के बीच मुठभेड़, 4 बदमाशों के पैरों में लगी गोली, 6 गिरफ्तार

    October 14, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.
    • About
    • Contact
    • Our Staff
    • Advertise

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.