लखनऊ 24 नवंबर। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लगातार छठवें साल बिजली दरें न बढ़ने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा उपभोक्ताओं को राहत मिली है. बिजली दरें बढ़ाने को लेकर पावर कॉरपोरेशन की तरफ से नियामक आयोग को प्रस्ताव दिया गया था.
लेकिन अब नियामक आयोग ने उत्तर प्रदेश में बिजली दरें न बढ़ाने का निर्णय ले लिया है. सरकार के इस कदम से अब उपभोक्ताओं को बिजली जलाने के एवज में अतिरिक्त पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. अब उन्हें छह साल पहले वाली बिजली की जो दरें तय हैं उन्हीं से बिल का भुगतान करना होगा.
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने योगी आदित्यनाथ सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. एक बयान जारी करके उन्होंने वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए बिजली दरों में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी न किए जाने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है. कहा कि यह निर्णय प्रदेश सरकार की जन–केन्द्रित नीतियों और उपभोक्ता हितों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि पिछले कई साल में सरकार ने बिजली के क्षेत्र में बड़े सुधार किए हैं, जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है. उत्तर प्रदेश ने एक उपलब्धि हासिल करते हुए लगातार छठे वर्ष बिजली दरों में कोई वृद्धि न करने की परंपरा कायम रखी है. यह उपलब्धि प्रदेश को देश का पहला ऐसा राज्य बनाती है, जिसने इतनी लंबी अवधि तक अपने उपभोक्ताओं को स्थिर और किफायती बिजली दरों का लाभ प्रदान किया है.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं को सीधा लाभ होगा. बिजली दरों को स्थिर रखने के पीछे सरकार का उद्देश्य जनता को अनावश्यक आर्थिक बोझ से बचाना है, जिससे आम नागरिकों की जेब पर अतिरिक्त भार न पड़े.
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने घोषणा की है कि घरेलू, व्यावसायिक, औद्योगिक, कृषि और ग्रामीण उपभोक्ताओं सहित सभी श्रेणियों (कंज्यूमर कैटेगरी) के लिए बिजली के टैरिफ लगातार छठवें वर्ष भी पहले की ही तरह रखे गए हैं.
इसका अर्थ है कि किसी भी वर्ग के बिजली उपभोक्ता पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा. इस निर्णय से न सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि व्यापारियों, उद्योगों और किसानों को भी लाभ होगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और रोजगार को भी मजबूती मिलेगी. बिजली दरों में स्थिरता उद्योगों को अपनी लागत नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे प्रदेश में निवेश का माहौल भी बेहतर होता है.
ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि वर्तमान समय में जब देश के कई राज्यों में बिजली दरें बढ़ाई जा रही हैं, ऐसे समय में उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय आम जनता के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. बिजली बिल में बढ़ोतरी न होने से गरीब परिवारों का घरेलू बजट सुरक्षित रहेगा. किसानों के लिए सिंचाई लागत नहीं बढ़ेगी. मजदूरों तथा रोजमर्रा कमाई करने वाले परिवारों को भी आर्थिक स्थिरता मिलेगी.
छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह निर्णय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. दरों में स्थिरता बनाए रखने के साथ-साथ सरकार बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए दिन–रात कार्य कर रही है. प्रदेश भर में विद्युत अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) को आधुनिक बनाने, पुराने तारों व ट्रांसफॉर्मरों को बदलने, भूमिगत केबलिंग जैसे कार्य तेजी से किए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक उपभोक्ताओं को निर्बाध, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई नई परियोजनाओं को भी स्वीकृति दी है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली आपूर्ति में निरंतर सुधार हो रहा है और शहरी क्षेत्रों में ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण किया जा रहा है.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि जनता के हित में लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय से स्पष्ट है कि सरकार उपभोक्ता सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. ऊर्जा विभाग की पूरी टीम उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा प्रदान करने और पारदर्शी तरीके से कार्य करने के लिए निरंतर प्रयासरत है. आगामी वर्षों में भी सरकार ऐसे निर्णय लेती रहेगी जो आम जनता के हित में हों.

