नई दिल्ली 22 नवंबर। डिजिटल दुनिया में AI की मदद से तैयार की गई फोटोज की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे असली व नकली इमेज की पहचान करना मुश्किल हो गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए गूगल ने Gemini एप में एक एआई डिटेक्शन (AI detection) फीचर जोड़ने का फैसला किया है।
इस फीचर की मदद से कोई भी यूजर यह पता लगा सकेगा कि फोटो असली है या AI जेनरेटड। इसके लिए Google अपनी इनविजिबल वॉटरमार्किंग टेक्नोलॉजी SynthID का इस्तेमाल करेगा।
इस फीचर का इस्तेमाल करना बेहद आसान होगा। इसके लिए यूजर सिर्फ Gemini एप में फोटो अपलोड करके उससे पूछना होगा कि ‘क्या यह इमेज गूगल एआई की है?’ इसके बाद Gemini एप उस फोटो से छिपे SynthID वॉटरमार्क को स्कैन करके यूजर को बता देगा कि तस्वीर असली है या एआई द्वारा बनाई गई।
Google का प्लान सिर्फ इमेज तक सीमित नहीं है। जल्द ही यह फीचर वीडियो, ऑडियो, डिजिटल क्रिएटिव कंटेंट पर भी लागू होगा। गूगल इसका हिस्सा C2PA Standard के तहत बना रहा है, जिससे अन्य AI टूल जैसे OpenAI Sora, Adobe Firefly, Midjourney आदि के कंटेंट को भी वेरिफाई किया जा सकेगा।
हाल के वर्षों में AI कंटेंट तेजी से फैल रहा है। राजनितिक डीपफेक, फेक न्यूज, मॉडिफाइड फोटो, सोशल मीडिया पर एआई जनरेटेड कंटेंट। ऐसे में कई बार लोग धोखा खा जाते हैं। गूगल का यह कदम डिजिटल पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
Google ने बताया कि उनकी आने वाली हाई-रेजोल्यूशन AI मॉडल सीरीज Nano Banana Pro से तैयार हर फोटो में ऑटोमैटिक C2PA डेटा एम्बेडेड होगा, जिससे पहचान आसान हो सके। Google का यह नया फीचर डिजिटल दुनिया में एक बड़ा बदलाव है। आने वाले समय में यह सुनिश्चित करेगा कि इंटरनेट पर दिखाई देने वाली हर इमेज का सोर्स स्पष्ट हो, जिससे गलत सूचना और फेक कंटेंट को रोकने में बड़ी मदद मिल सके।

