नई दिल्ली 31 अक्टूबर। दिल्ली में सर गंगा राम अस्पताल में चिकित्सकों की विशेषज्ञ टीम ने काटे गए पैर की उंगली से हाथ का अंगूठा बनाकर उसे मरीज के हाथ में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित भी कर दिया।
अस्पताल के प्लास्टिक, कॉस्मेटिक और हैंड माइक्रोसर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने 20 वर्षीय युवक के हाथ का अंगूठा उसी के काटे गए पैर की उंगली से सफलतापूर्वक दोबारा बनाया। यह जटिल ऑपरेशन सड़क दुर्घटना में अपना बायां पैर (घुटने के नीचे तक) और बाएं हाथ के अंगूठे को गंवाने वाले युवक पर किया गया।
बताया कि सड़क दुर्घटना के तुरंत बाद मरीज को अस्पताल लाया गया, जहां ट्रमा टीम ने बिना समय गंवाए उपचार प्रारंभ किया। जांच में पाया गया कि मरीज के पैर और अंगूठे में कुचलने (क्रश) की गंभीर चोट थी, जिसके कारण उन्हें दोबारा जोड़ना या ठीक करना संभव नहीं था।
वहीं, ऐसे में चिकित्सकों ने युवक के परिजनों को अवगत कराते हुए कठीन निर्णय लिया और काटे गए पैर की दूसरी उंगली का उपयोग कर मरीज के हाथ के लिए नया अंगूठा तैयार करते हुए प्लास्टिक, कास्मेटिक और माइक्रोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. महेश मंगले के नेतृत्व में उनकी टीम ने सफलतापूर्वक आपरेशन कर युवक के हाथ में प्रतारोपित कर दिया।
चिकित्सकों का दावा है कि यह सर्जरी न केवल हाथ की कार्यात्मकता (फंक्शनैलिटी) को बहाल करने में सफल रही, बल्कि जिस अंग को बचाया नहीं जा सकता था, उसका सार्थक उपयोग कर लिया गया। आपरेशन में डा. निखिल झुनझुनवाला (कंसल्टेंट, हेड और माइक्रोसर्जन), डा. अर्जुन कृष्णा (डीएनबी रेजीडेंट) और डा. ऋषिका बचानी (डीएनबी रेजीडेंट) ने भी उल्लेखनीय योगदान दिया।
डॉ. महेश मंगल ने कहा कि सर गंगाराम अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में माइक्रोसर्जरी की शुरुआत 1981 में हुई थी, और तब से अब तक विभाग ने 700 से अधिक शरीर के हिस्सों का सफल रीइम्प्लांटेशन किया है, जिनमें उंगलियां, पैर की उंगलियां, कान, स्कैल्प, लिंग और ऊपरी अंग शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हादसे के तुरंत बाद कटे हुए अंग को सुरक्षित रखकर अस्पताल तक पहुंचाना सफलता की कुंजी है।

