नई दिल्ली 13 अक्टूबर। गूगल ने अपने लोकप्रिय वेब ब्राउजर Google Chrome में एक नया “स्मार्ट अलर्ट कंट्रोल” फीचर जोड़ा है। यह फीचर अपने आप उन वेबसाइट्स की नोटिफिकेशन बंद कर देगा, जिनसे यूजर काफी समय से इंटरैक्ट नहीं कर रहे। इसका उद्देश्य अनचाहे पॉप-अप्स और बेवजह अलर्ट्स को खत्म करना है, जो अक्सर ब्राउजिंग में रुकावट डालते हैं।
यह अपडेट Android और डेस्कटॉप दोनों वर्जन के लिए रोलआउट किया जा रहा है और यह क्रोम के पहले से मौजूद प्राइवेसी टूल्स को और बेहतर बनाएगा।
कैसे काम करेगा नया फीचर
गूगल के ब्लॉग पोस्ट के अनुसार, यह फीचर Chrome Safety Check System का हिस्सा है। यह सिस्टम पहले से ही निष्क्रिय वेबसाइट्स से कैमरा और लोकेशन जैसी परमिशन हटा देता था। अब उसी तरह नोटिफिकेशन परमिशन भी अपने आप रद्द हो जाएगी।
कंपनी के मुताबिक, क्रोम के आंतरिक डेटा से पता चला है कि 1% से भी कम यूजर्स किसी वेब नोटिफिकेशन के साथ इंटरैक्ट करते हैं। यानी ज्यादातर नोटिफिकेशन केवल ध्यान भटकाने का काम करती हैं। इसीलिए अब क्रोम यूजर की सुविधा के लिए ऑटोमेटिक नोटिफिकेशन कंट्रोल लागू कर रहा है।
किन वेबसाइट्स पर नहीं होगा असर
गूगल ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव सभी वेबसाइट्स पर एक समान रूप से लागू नहीं होगा। केवल उन साइट्स से नोटिफिकेशन बंद होंगी जिनकी यूजर एंगेजमेंट कम है लेकिन नोटिफिकेशन आउटपुट ज्यादा है।
जो वेबसाइट्स यूजर ने वेब एप के रूप में इंस्टॉल की हैं, उनकी नोटिफिकेशन प्रभावित नहीं होंगी। साथ ही, अगर किसी साइट से परमिशन हटा दी जाती है, तो क्रोम यूजर को इसकी सूचना देगा। यूजर चाहे तो सेफ्टी चेक में जाकर या वेबसाइट पर दोबारा जाकर नोटिफिकेशन को री-एनेबल कर सकता है।
सुरक्षा जांच फीचर का विस्तार
यह सुविधा गूगल क्रोम के सुरक्षा जांच फीचर में पहले से मौजूद कार्यक्षमता का विस्तार करती है, जो उन वेबसाइट्स से कैमरा और लोकेशन परमिशन रद्द कर देती है, जिनका उपयोग यूजर नहीं करते हैं।
कंपनी स्वीकार करती है कि ब्राउजर नोटिफिकेशन शायद यूजर्स के लिए एक बुरा विचार रहे होंगे।
गूगल का कहना है कि उसके अपने डाटा से पता चलता है कि यूजर्स को बड़ी संख्या में नोटिफिकेशन मिलते हैं, लेकिन वे उनका बहुत कम उपयोग करते हैं।
नोटिफिकेशन बंद करने की मिलेगी सूचना
गूगल का मानना है कि कुछ नोटिफिकेशन मददगार हो सकती हैं। इसलिए, वह इंस्टॉल वेब ऐप्स के लिए इन्हें रद्द नहीं करेगा।
इन्हें केवल उन साइट्स के लिए म्यूट किया जाएगा, जहां जुड़ाव कम है और नोटिफिकेशन ज्यादा भेजी जाती हैं।
कंपनी का कहना है कि वह नोटिफिकेशन परमिशन हटाने के बारे में यूजर्स को सूचित करेगा, जिससे वे चाहें तो सेटिंग बदल सकेंगे। गूगल हस्तक्षेप बंद करने के लिए ऑटो-रिकोक्शन सुविधा बंद करने का विकल्प भी चुन सकते हैं।