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    Home»देश»अल खोजिनी बोर्डिंग स्कूल की इमारत ढहने से 3 छात्रों की मौत और 100 से अधिक घायल
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    अल खोजिनी बोर्डिंग स्कूल की इमारत ढहने से 3 छात्रों की मौत और 100 से अधिक घायल

    adminBy adminSeptember 30, 2025No Comments16 Views
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    सिदोअर्जो 30 सितंबर। इंडोनेशिया के सिदोअर्जो में इस्लामिक स्कूल की इमारत ढहने से तीन छात्रों की मौत हो गई और 100 से अधिक छात्र घायल हो गए जबकि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि सिदोअर्जो के ईस्ट जावा कस्बे में इस्लामिक स्कूल ‘अल खोजिनी इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल’ की इमारत ढहने की सूचना मिलने के बाद बचावकर्मी, पुलिस एवं सैन्यकर्मी पूरी रात राहत एवं बचावकार्य में जुटे रहे। स्कूल की इमारत जर्जर हालत में थी। बचावकर्मियों को इस दौरान और शव भी दिखे, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

    उन्होंने बताया कि घटना के 12 घंटे से भी अधिक समय बाद भी मंगलवार को छात्रों को बाहर निकालने के प्रयास जारी रहे और बचावकर्मियों ने छात्रों तक ऑक्सीजन एवं पानी पहुंचाया। अधिकारियों ने बताया कि घटना में तीन छात्रों की मौत हुई है और 10 से अधिक घायल हो गए तथा कई अन्य के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है। बचाव अभियान सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर अस्थायी रूप से रोक दिया गया था क्योंकि ढह चुके ढांचे में अचानक कंपन महसूस हुआ था। लोग तुरंत अपनी जान बचाने के लिए भागे, क्योंकि उन्हें इमारत के मलबे के गिरने की आशंका थी। बचावकर्मियों ने इलाके में मौजूद सभी लोगों से इमारत से दूर रहने की अपील की, जिनमें घटनास्थल के पास खड़ी 12 से अधिक एंबुलेंस भी शामिल थीं। अपराह्न करीब एक बजकर 45 मिनट पर बचाव कार्य फिर से शुरू हुआ।

    इनमें अधिकतर छात्र सातवीं से ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ते हैं और उनकी उम्र 12 से 18 साल के बीच है। घटना के बारे में सुनकर परेशान परिजन अस्पताल या घटनास्थल के पास पहुंचे। मंगलवार सुबह स्कूल परिसर में लगे एक नोटिस में 65 छात्रों के लापता होने की सूचना दी गई थी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने दोपहर तक मलबे में दबे लोगों की संख्या संशोधित करके 38 बताई। नोटिस बोर्ड पर अपने बच्चे का नाम देखकर एक महिला ने रोते हुए कहा, ‘‘मेरा बेटा अब भी मलबे में दबा है। हे ईश्वर मदद कर।” एक व्यक्ति ने बचावकर्मियों में से एक का हाथ पकड़कर विनती करते हुए कहा, ‘‘कृपया मेरे बच्चे को तुरंत ढूंढें।” खोज एवं बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे एक बचाव अधिकारी नानंग सिगिट ने बताया कि कंक्रीट के भारी मलबे और इमारत के जर्जर ढांचे के कारण खोज एवं बचाव कार्य में बाधा आ रही है। भारी उपकरण उपलब्ध हैं, लेकिन इस आशंका के कारण उनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा कि कहीं इससे इमारत और न ढह जाए।

    सिगिट ने कहा कि बचावकार्य में सैकड़ों बचावकर्मी जुटे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम मलबे के अंदर अब भी फंसे छात्रों को ऑक्सीजन और पानी पहुंचा रहे हैं ताकि वे जिंदा रह सकें। हम उन्हें निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।” इंडोनेशिया विश्व का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल देश है। इंडोनेशिया में इस्लामी बोर्डिंग स्कूलों को सामान्यतः ‘‘पेसेंट्रेन” कहा जाता है तथा इसके छात्रों को ‘‘संतरी” कहा जाता है। आम स्कूलों के छात्रों के विपरीत संतरी छात्रावासों में रहते हैं क्योंकि औपचारिक शिक्षा के अलावा वे इस्लामी धार्मिक ज्ञान का भी गहन अध्ययन करते हैं तथा केवल स्कूल की छुट्टियों के दौरान ही घर लौटते हैं। प्रांतीय पुलिस के प्रवक्ता जूल्स अब्राहम अबास्ट ने बताया कि छात्र उस इमारत में दोपहर की नमाज अदा कर रहे थे।

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