नई दिल्ली 15 सितंबर। भारतीय नौसेना के बेड़े में स्वदेश निर्मित एक पनडुब्बी रोधी युद्ध पोत शामिल हो गया है. हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए इसका नौसेना में शामिल होना मत्वपूर्ण माना जा रहा है.
पनडुब्बी रोधी युद्धक’एंड्रॉथ’ का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा किया गया है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार यह जहाज शनिवार को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया. ये रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम है. एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों को नौसेना में शामिल किया जा रहा है ताकि उसकी पनडुब्बी रोधी और तटीय निगरानी क्षमताओं को मजबूत किया जा सके.
‘एंड्रॉथ’ नाम का रणनीतिक और प्रतीकात्मक महत्व है क्योंकि यह लक्षद्वीप द्वीपसमूह के एंड्रॉथ द्वीप से लिया गया है. ये भारत की अपने विशाल समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. अधिकारियों ने बताया कि लगभग 77 मीटर लंबे ये जहाज डीजल इंजन-वॉटरजेट संयोजन से संचालित होने वाले भारतीय नौसेना के सबसे बड़े युद्धपोत हैं. ये अत्याधुनिक, हल्के टॉरपीडो और स्वदेशी पनडुब्बी रोधी युद्धक रॉकेटों से सुसज्जित हैं.
नौसेना ने कहा, ‘एंड्रोथ की डिलीवरी भारतीय नौसेना की स्वदेशी जहाज निर्माण की खोज में एक और मील का पत्थर है. ये 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को कायम रखती है और बढ़ती घरेलू क्षमताओं और आयात पर निर्भरता को कम करने का प्रमाण है.’
सीडीएस के साथ-साथ सेना, वायु सेना और नौसेना के प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारियों ने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी या आत्मनिर्भरता के महत्व पर लगातार जोर दिया है. आईएनएस एंड्रोथ रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम है.
उल्लेखनीय है कि विशाखापत्तनम स्थित नौसेना अड्डे पर पिछले महीने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में भारतीय नौसेना के दो अत्याधुनिक बहु-मिशन स्टील्थ फ्रिगेट— आईएनएस उदयगिरि और हिमगिरि को रक्षा बेड़े में शामिल किया गया.