पटना 21 जुलाई। बिहार विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया, लेकिन पहले ही दिन सदन के भीतर और बाहर राजनीतिक टकराव चरम पर पहुंच गया। विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए विधानसभा की कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश की। महागठबंधन के तहत राजद, कांग्रेस और वाम दलों के विधायकों ने मतदाता सूची पुनरीक्षण, बढ़ते अपराध, महंगाई, बेरोजगारी और भाजपा मंत्री जीवेश मिश्रा पर लगे आरोपों को लेकर सरकार पर निशाना साधा। प्रदर्शन के दौरान विधायकों ने हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर मंत्री से इस्तीफे की मांग की।
कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा के बाहर अपराध, लूट और हत्या की घटनाओं को लेकर सरकार को घेरा। कांग्रेस विधायक विजय शंकर दुबे ने कहा कि “हम सदन को चलने नहीं देंगे, जब तक सरकार अपराध, बेरोजगारी और पलायन के मुद्दों पर जवाब नहीं देती। बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा, “भाजपा के लोग अपराध कर रहे हैं और सत्ता में बने रहना चाहते हैं, लेकिन अब बिहार में उनका राज नहीं रहेगा। तेजस्वी यादव अगला मुख्यमंत्री बनेंगे। हम सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह सरकार को घेरेंगे।
वहीं सत्ता पक्ष की ओर से भाजपा विधायक हरीश भूषण ठाकुर बचौल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि “सरकार हर जनहित मुद्दे पर जवाब देने को तैयार है। हंगामा करना विपक्ष का स्वभाव है, लेकिन आज बिहार में संगठित अपराध नहीं है, और हर वारदात पर पुलिस कार्रवाई कर रही है।” बिहार विधानसभा का यह सत्र विधानसभा चुनाव से पहले का अंतिम सत्र है, जिससे इसकी राजनीतिक अहमियत और बढ़ गई है।