नई दिल्ली 07 नवंबर। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 21 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। इनमें ज्यादातर स्कूल दिल्ली के हैं जबकि 5 राजस्थान के स्कूल हैं। राजस्थान के स्कूलों में दो स्कूल सीकर जिले और तीन स्कूल कोटा जिले में स्थित हैं. साथ ही दिल्ली के 6 स्कूलों को CBSE ने डाउनग्रेड भी कर दिया है। नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है। इस लिस्ट को सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर जारी किया गया है।
इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि स्कूल बोर्ड के संबद्धता और परीक्षा उपनियमों के अनुसार छात्रों की नियमित उपस्थिति के मानदंडों का पालन कर रहे हैं या नहीं.
निरीक्षण के दौरान सीबीएसई के अधिकारियों को बड़ी संख्या में इन स्कूलों में छात्र अनुपस्थित मिले. इतना ही नहीं कक्षा 9वीं और 12वीं में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के अनुपस्थित रहने के कारण 21 विद्यालयों की मान्यता रद्द कर दी गई. इससे पहले स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब देने के लिए 30 दिन का समय दिया गया था.
सीबीएसई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार,”अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति वाले अग्रणी राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड के रूप में, लंबे समय से शैक्षिक सुधारों को आगे बढ़ाने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसलिए बच्चों की बिना उपस्थिति के सिर्फ कागजों में स्कूल चलाने के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर रहे हैं. जिससे आगे इस तरह के स्कूल चलाने वालों को कड़ा संदेश दिया जा सके. बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करेगा कि स्कूल वैध और नैतिक शैक्षिक प्रथाओं का पालन करें. इसलिए छह स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी से सेकेंडरी स्कूल के रूप में डाउनग्रेड करने की भी कार्रवाई की गई है.”
इन स्कूलों को किया गया डाउनग्रेड
आदर्श जैन धर्मिक शिक्षा सदन, नजफगढ़, नई दिल्ली
बीएस इंटरनेशनल स्कूल निलोठी एक्सटेंशन, दिल्ली
भारत माता सरस्वती बाल मंदिर नरेला, दिल्ली
सीएच बलदेव सिंह मॉडल स्कूल, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली, दिल्ली
ध्रुव पब्लिक स्कूल, जयविहार, नई दिल्ली
नवीन पब्लिक स्कूल नांगलोई, दिल्ली
जिन स्कूलों की मान्यता सीबीएसई ने रद्द की है, उनमें से ज्यादातर स्कूल सिर्फ कागजों पर संचालित हो रहे थे. इसका मतलब यह है कि इन स्कूलों में बच्चों के एडमिशन तो लिए जा रहे थे, लेकिन उनकी क्लास नहीं लगाई जाती थी. न ही स्कूलों के पास लाइब्रेरी, साइंस व कंप्यूटर लैब आदि थीं. कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जो मानक की काफी शर्तों को पूरा ही नहीं करते थे. इसके बाद भी सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूल के तौर पर संचालित हो रहे थे. अब जांच के बाद इन सभी स्कूलों की जांच के बाद मान्यता रद्द कर दी गई है.