asd मुख्यमंत्री जी कानून का पालन कराने वाले ही तोड़ने में लगे हैं, कैसे कायम रह पाएगी शांति और सदभाव

मुख्यमंत्री जी कानून का पालन कराने वाले ही तोड़ने में लगे हैं, कैसे कायम रह पाएगी शांति और सदभाव

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निकट भविष्य में आने वाले त्योहारों के साथ ही पूरे साल कोई ना कोई ऐसा आयोजन होने एवं शीघ्र होने वाले उपचुनाव व 2027 में यूपी विधानसभा चुनाव के साथ ही 2029 में चौथी बार नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने में अपना यूपी का बहुमूल्य योगदान देने हेतु प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी हर संभव प्रयासरत नजर आते हैं और जितना मीडिया में पढ़ने सुनने को मिलता है उससे भी यह आभास होता है कि वो देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा सभी को मुख्यधारा में शामिल करने सांप्रदायिक सौहार्द भाईचारा बढ़ाने और मुस्लिमों को यह विश्वास दिलाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं कि उनकी सरकार में उनका अहित नहीं होगा और उन्हें उनकी धार्मिक योजना के अनुसार त्योहार मनाने और पूजा पाठ की छूट है। क्योंकि हम सर्वधर्म सदभाव को मानकर चल रहे हैं। इस बात को इससे भी बल मिलता है कि केंद्र में शाहनवाज खान और नकवी जैसे बड़े मुस्लिम नेता सक्रिय हैं और समय समय पर मुस्लिम विद्वानों के बयान सरकारी योजनाओं के समर्थन में आते हैं जो इस बात का प्रतीक है कि कहीं ना कही मुस्लिम भी सरकार की बातों पर विश्वास करने और उसकी नीतियों को समर्थन देने की शुरूआत करने के इच्छुक नजर आते हैं।
आदरणीय मुख्यमंत्री जी उपर दी गई सभी बातों और बिंदुओं का सकारात्मक प्रभाव तभी पड़ने वाला है जब सरकार ने जो कानून नियम नीति जनहित और सुशासन को देखते हुए बनाए हैं उनका पालन हो। ईमानदारी से अपने पद की गरिमा रखते हुए कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों के साथ ही सभी नौकरशाहों को सरकार का संरक्षण मिले जिससे वो भयमुक्त वातावरण की स्थापना और कानून का राज कायम करने के अतिरिक्त शासन की नीतियों का पालन कराने के लिए हर नागरिक को तैयार कर सके।
मुख्यमंत्री जी वर्तमान समय में कानून विरोधी काम करने वालों पर सरकारी नौकरशाहों द्वारा की जाने कार्रवाई में अड़ंगा लगाकर मुस्कराते हुए फोटो खिंचवाने और कई बार अपनी गलत कार्यप्रणाली के चलते धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देने और इसी श्रेणी में शांति भंग करने वालों को उकसाने की जो कार्रवाई कुछ लोगेां द्वारा की जा रही है। अगर उसे रोका नहीं गया और कानून का राज कायम करने के अतिरिक्त शांति सदभाव भाईचारे व सही काम करने में विश्वास रखने वालों को यह यकीन नहीं दिलाया गया कि गलत काम करने और उसे बढ़ावा देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। तब तक भविष्य को लेकर शायद जो कल्पनाएं देशहित में सोचने वाले नेता कर रहे हैं वो आसानी से पूरा होने वाली नहीं है। मेरा मानना है कि आम आदमी को यह विश्वास हो कि जो गलत करेगा वो नौकरशाह हो या नेता उसके खिलाफ सरकार बिना भेदभाव के कार्रवाई करेगी यह विश्वास से जो राजनीतिक मजबूती वोटों के आधार पर सत्ताधारी दल को मिलनी है वो आसान नहीं हो पाएगी।
देश में लोकतंत्र का परचम हमेशा फहराता रहा है। और जब भी कोई देश हमारे यहां किसी पर अत्याचार या किसी के भावना आहत करने के बारे में बोलता है तो हम उसे मुंहतोड़ जवाब देने में घबराते नहीं है। कुछ पड़ोसी देश और लोग कई ऐसी भावनााएं पैदा करने चाहते हैं कि असंतोष पैदा हो सके। इन सभी केा रोकने और दुनिया में अपनी अलग पहचान जो पीएम द्वारा कायम की जा रही है वो बनी रहे उसके लिए जरूरी है कि सत्ताधारी दल के लोगों की कुछ नियम विरूद्ध कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाया जाना वक्त की आवश्यकता महसूस की जा रही है। भले ही अपने आप को हर मामले में सर्वेसर्वा और असरदार समझने के साथ ही कुछ लोग यह सोचते हैं कि हम जो करेंगे वो फाइनल है। ऐसे लोगों की सोच बदलने और आम आदमी का समर्थन में निरंतर वृद्धि में सरकार को कार्रवाई समय से करनी ही पड़ेगी। यही देश और सरकार के हित में कह सकते हैं।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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