asd बुलंदशहर की बच्ची के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश, दुघर्टना में अपंग हुई बच्ची को 23 लाख मुआवजा दें

बुलंदशहर की बच्ची के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश, दुघर्टना में अपंग हुई बच्ची को 23 लाख मुआवजा दें

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प्रयागराज 10 अक्टूबर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर से जुड़े एक मामले में 19 साल पहले ट्रक एक्सीडेंट में 75 प्रतिशत तक विकलांग हो चुकी दो साल की बच्ची की याचिका पर 17 साल बाद उसके हक में फैसला सुनाते हुए उसकी मुआवजे की राशि को 22 लाख बढ़ाकर इन्श्योरेन्स कंपनी को देने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने अपीलकर्ता बच्ची द्वारा दायर अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दावा न्यायाधिकरण के निर्णय को संशोधित करते हुए दावा न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए मुआवजे को 1,08,875 रुपए से बढ़ाकर 23,69,971 रुपए कर दिया है. यह आदेश जस्टिस विपिन चंद्र दीक्षित ने बुलंदशहर की बच्ची कुमारी चीनू की तरफ से बतौर गार्जियन उसकी मां द्वारा दाखिल अपील पर दिया है.

मामले के अनुसार एक्सिडेंट की ये घटना 22 अगस्त 2005 की है जब अपीलकर्ता अपने माता-पिता के साथ मारुति कार से आगरा से बुलंदशहर के रास्ते में जा रही थी तभी कार की ट्रक से आमने-सामने भिड़ंत हो गई थी. इस दुर्घटना में दो साल की बच्ची 75 प्रतिशत तक विकलांग हो गई थी. बुलंदशहर के मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल में पीड़ित परिवार ने क्लेम दाखिल किया था लेकिन मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के अपर जिला न्यायाधीश की कोर्ट ने दोनों गाड़ियों की गलती मानते हुए बच्ची को 2 लाख 17 हजार 715 रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया था.

नाबालिग बच्ची ने अपनी मां रूबी के माध्यम से ये क्लेम किया था. ट्रिब्यूनल कोर्ट ने 8 अगस्त 2007 को अपने फैसले में दावेदार-अपीलकर्ता को एक्सीडेंट के बाद लगी चोटों के कारण उसको 6 प्रतिशत ब्याज सहित 1,08,875 रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए बच्ची की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई थी.

अपीलकर्ता के अधिवक्ता एसडी ओझा का कहना था कि क्लेम ट्रिब्यूनल ने दोनों वाहन चालकों को योगदाई उपेक्षा का दोषी ठहराते हुए मुआवजे के निर्धारण में गलती की है. कहा गया कि इस घटना में योगदाई उपेक्षा नहीं थी बल्कि गल्ती ट्रक के ड्राइवर की थी. हाईकोर्ट ने अपील में बच्ची की दुर्घटना में हुई 75 प्रतिशत अपंगता, उसके साथ रहने वाले सहयोगी का चार्ज , भविष्य की इनकम, विवाह ख़र्च आदि पर विचार कर मुआवजा राशि बढ़ा दी है और ओरिएंटल इन्श्योरेन्स कंपनी लिमिटेड को बच्ची को 23 लाख 69 हजार 971 रूपए देने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट ने कहा कि इस दुर्घटना के बाद 100 विकलांगता के कारण लड़की की शादी की संभावनाएं भी खत्म हो गई. यह मुआवजा ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को बच्ची को देना है जिस ट्रक से एक्सिडेंट हुआ था उसका इन्श्योरेन्स ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी ने किया था. हाईकोर्ट ने 17 साल पुरानी याचिका पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला देते हुए अपीलकर्ता को 22 लाख ज्यादा मुआवजा बढ़ाकर यानी 1,08,875 रुपए से बढ़ाकर 23,69,971 रुपए देने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता जो उस समय नाबालिग थी उसकी 100ः विकलांगता ने उसके विवाह की संभावनाओं को काफी नुकसान पहुंचाया है जिससे वह हताशा और अवसाद में है.

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