लखनऊ 17 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में आयोजित एक विशेष समारोह में पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के खातों में ₹297 करोड़ की छात्रवृत्ति सीधे ट्रांसफर की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि “समाज के अंतिम पायदान तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने का संकल्प” है। यह पहली बार है जब प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से सितंबर महीने में ही छात्रवृत्ति वितरण की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ने इसे “बदली हुई कार्य संस्कृति और पारदर्शी प्रशासन” का प्रतीक बताया।
लोकभवन में हुए इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लगभग 5 लाख छात्रों के बैंक खातों में ₹297 करोड़ की छात्रवृत्ति भेजी। कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले छात्रवृत्ति वितरण में भेदभाव होता था, लेकिन अब यह पारदर्शी और डिजिटल प्रणाली से जुड़ चुका है। किसी को सिफारिश या चक्कर लगाने की जरूरत नहीं, अब हकदार को उसका अधिकार सीधे मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अब प्रदेश के 62 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ मिल रहा है। इससे लाखों गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा जारी रखने में सहायता मिलेगी।
कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि सरकार ने छात्रवृत्ति वितरण को दो चरणों में विभाजित किया है।
पहले चरण में लगभग 2.5 लाख ओबीसी छात्रों को ₹62.13 करोड़ की राशि दी गई।
दूसरे चरण में 4.83 लाख से अधिक छात्रों को ₹126.68 करोड़ की छात्रवृत्ति ट्रांसफर की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले यह राशि वित्तीय वर्ष के अंत में दी जाती थी, जिससे कई छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ता था। अब सरकार ने व्यवस्था बदल दी है, ताकि शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही छात्रवृत्ति मिल सके।
मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति तक हड़प ली गई थी। भ्रष्टाचार और भेदभाव के कारण हजारों विद्यार्थियों को उनका हक नहीं मिला। लेकिन अब प्रदेश की कार्य संस्कृति बदल चुकी है- पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह केवल धन का ट्रांसफर नहीं है, बल्कि “बदले हुए उत्तर प्रदेश” की तस्वीर है, जहां हर बच्चे को समान अवसर मिल रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि छात्रवृत्ति वितरण में डीबीटी प्रणाली ने व्यवस्था को पूरी तरह पारदर्शी बना दिया है। पहले छात्रों को कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। अब सरकार सीधे छात्रों के खातों में पैसा भेजती है। इससे न कोई बिचौलिया, न कोई भ्रष्टाचार। उन्होंने कहा कि अब हर जरूरतमंद विद्यार्थी को शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग मिलेगा। यह प्रणाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “डिजिटल इंडिया” योजना का एक सफल उदाहरण है।