आजादी के बाद से आदिवासी समाज के उत्थान और उन्हें समयानुकुल सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु बिरसा मुंडा देश में सालों तक आदिवासी समाज के नायक रहे के द्वारा किए गए कार्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। शायद इसलिए १५ नवंबर १८७५ को जन्मे और नौ जून १९०० तक समाज को आगे बढ़ाने के लिए बिना किसी लोभ लालच के काम करने वाले बिरसा मुंडा जी का जन्मदिन आज उनकी १५०वीं जयंती के मौके पर पूरे देश में मनाया जा रहा है। केंद्र और प्रदेश सरकारें इस मौके पर अनेक सकारात्मक और महापुरूषों के प्रेरणादायक कार्यों का प्रचार प्रसार करने के लिए उनका जन्मदिन मनाया जा रहा है। इस मौके पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भारत के जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि दी गई। तथा ओढ़िसा में बख्शी जगबंधु रीडो मंाझी और लक्ष्मी पांडा सहित पाइका विद्रोह के नायकों के परिवारों को सम्मानित भी किया जा रहा है और १८१७ के शस्त्र विद्रोह में उनके द्वारा दिखाये गए साहस को नमन भी कर रहे हैं। सबसे अच्छी बात कि आदिवासी समाज के जिन योद्धा महिला पुरूषों ने देश की अखंडता बनाए रखने और समाज के लिए उल्लेखनीय कार्य किए उनकी यादों को ताजा रखने और युवाओं को उनसे प्रेरणा मिल सके इसके लिए २०१६ के स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय योजना के तहत १० राज्यों में ११ संग्रहालयों को मंजूरी दी गई तथा बिरसा मुडा सहित वीर नारायण गोविंद गुरू सिद्धू कानू, तथा रानी गायी दिलू अल्लूरी सीताराम राजू, चांद बेहरा, फूलों झानो आदि के साहसिक कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। आदिवासी गौरव के प्रतीक रहे बिरसा मुंडा के कार्यों और साहस का ही परिणाम इसे कह सकते हैं कि वर्तमान समय में आदिवासी नायकों की विरासत को जीवित करते हुए २०२३ में सरकार ने रानी दुर्गावती की ५००वीं शताब्दी के राष्ट्रीय गौरव की घोषणा की।
भले ही अभी आदिवासी समाज को उतनी सुविधाएं और आगे बढ़ने का मौका संपूर्ण रूप से ना मिल पा रहा हो लेकिन देश के कई प्रमुख पदों पर आदिवासी समाज से आने वाले महिला पुरूषों के विराजमान होने और सरकार के साथ समाज द्वारा भी आदिवासियों के साथ ही बेसहारा और गरीबों के हित में कार्य किए जाने के प्रयास महत्वपूर्ण है।
कुल मिलाकर कहनेका आश्य है कि समाज में जागरूकता आ रही है। लगभग सभी प्रदेशों की सरकार जनजातीय लोगों की आर्थिक व सशक्तिकरण की योजनाओं को बढ़ावा देने उन्हें रोजगार व आत्मनिर्भरता स्वास्थ्य और सुरक्षा विरासत से विकास तक कार्य हो रहा है। भविष्य में बड़े शहरों के नागरिकों के समान ही आदिवासियों का जीवन संवारने के लिए हर स्तर पर प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में होंगे। इस सोच के साथ बिरसा मुंडा को उनकी १५०वीं जयंती के अवसर पर नमन करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इस आशा के साथ ही कि अगले साल तक परिस्थितियों में सुधार होगा।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
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