कानपुर 26 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में तीन दिन पहले गंगा बैराज पर हिट एंड रन का मामला सामने आया था. एक तेज रफ्तार कार चेकिंग कर रहे तीन पुलिसकर्मियों को रौंदते हुए निकल गई थी. घटना के बाद से पुलिस कार सवारों की तलाश में जुटी थी. शुक्रवार को पुलिस ने दो कार सवारों को गिरफ्तार कर लिया. हैरान करने वाली बात यह है कि दोनों बीटेक के छात्र हैं. वहीं घटना वाले दिन इनकी गाड़ी में तीन अन्य युवक भी सवार थे. पुलिस इनकी तलाश में जुटी है. तीनों फरार चल रहे हैं.
बता दें कि 23 दिसंबर की शाम को गंगा बैराज पर बैरिकेडिंग लगाकर कोहना थाना प्रभारी प्रतीक सिंह यातायात पुलिस के साथ चेकिंग कर रहे थे, तभी उन्नाव की ओर से आ रही तेज रफ्तार कार ने चेकिंग से बचकर भागने के चक्कर में अटल घाट चौकी प्रभारी संजय कुमार, दारोगा पूरन सिंह और होमगार्ड हरिप्रकाश पर कार चढ़ाकर कुचलने का प्रयास किया था. इसमें दारोगा पूरन सिंह का बायां पैर टूट गया था. रौंदने के बाद कार सवार फरार हो गए थे. पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी.
गिरफ्तार दोनों छात्रों की पहचान श्याम सुंदर (23) और अभिजीत (22) के रूप में हुई है।
दोनों रामा यूनिवर्सिटी से बीटेक कर रहे हैं। पुलिस जांच में पता चला कि पुलिसवालों को रौंदने से पहले आरोपियों ने ठेके से शराब खरीदी। फिर सभी ने मिलकर शराब पी। छात्र श्याम सुंदर ने बताया- हम लोग हॉस्टल जा रहे थे। कार के शीशे खोलकर अभिजीत सेल्फी ले रहा था।
हम गंगा बैराज की तरफ बढ़े तो हमारे सामने एक इको कार चल रही थी। हम पीछे थे। जैसे ही वह कार आगे से हटी, हमें बैरिकेडिंग दिखी ही नहीं। हमारी कार टकरा गई। उस समय हम डर गए। सोचा कि अगर रुकेंगे तो पुलिस वाले नहीं छोड़ेंगे। हॉस्टल पहुंचने के बाद अभिजीत ने क्रेन बुक कर क्षतिग्रस्त कार को फजलगंज के हुंडई शोरूम भिजवाया।
जांच में जुटी कोहना पुलिस कार ढूंढने में नाकाम रही. इसके बाद DCP सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह के नेतृत्व में 5 टीमें बनाई गईं. इन टीमों का वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया, जिसकी निगरानी DCP सेंट्रल कर रहे थे. पांचों टीमों को अलग-अलग दिशाओं में भेजा गया. जांच के दौरान उन्नाव के पास एक शराब ठेके के CCTV कैमरे में कार कैद हो गई. कार से 5 युवक उतरते हुए दिखाई दिए. इसके बाद वह ठेके से शराब लेने पहुंचे और कुछ देर बाद कार लेकर रवाना हो गए. आरोपियों ने शराब का पेमेंट यूपीआई आईडी से जरिए किया था, जिसके बाद बैंक खाते के जरिए से आरोपियों की पहचान हो गई.

