केन्द्र और प्रदेश की सरकारें सभी धर्म के मानने वालों को उनके धार्मिक स्थलों की यात्रा कराने के साथ साथ सद्भाव व भाईचारा बना रहे इसके लिए महापुरूषों के प्रेरणास्रोत कार्याें और आशीष वचनों का प्रचार प्रसार भरपूर तरीके से कर रही है। बीते दिनों अखिल भारतीय बिश्नोई मिलन के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि कुमार बिश्नोई का यह कथन महत्वपूर्ण लगा कि बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण की समाप्ति पेड़ पौधों व जानवरों की रक्षा तथा पर्यटन के क्षेत्र में हरियाली के माध्यम से आज से कई सौ साल पूर्व नई संभावनाएं पैदा कर चुके बिश्नोई गुरू जम्भेश्वर जी महाराज के द्वारा किए गये कार्यों का सरकार को देश भर के गांव देहातों जिलों व महानगरों में प्रचार प्रसार करना चाहिए क्योंकि उनके एक वचन पर सैंकड़ों महिलाओं ने एक पेड़ की सुरक्षा के लिए अपनी गर्दनें कटा दी थी और जानवरों की रक्षा के लिए उनके दिखाये मार्ग पर चलते हुए बिश्नोई समाज द्वारा जीव जंतुओं की रक्षा हेतु किए जा रहे कार्यों से कोई अनभिज्ञ नहीं है। मुझे लगता है कि गुरू जी के जन्मदिवस पर सभी सरकारें एक एक विज्ञापन जारी करें। और जानवरों की रक्षा पेड़ों की सुरक्षा तथा हरियाली और पर्यटन को बढ़ावा देने और प्रदूषण समाप्ति के क्षेत्र में जो लोग काम कर रहे है उन्हें हर वर्ष गुरू जम्भेश्वर जी पुरस्कार दिया जाए जिसमें 11 लाख रूपये नगद अंग वस्त्र व प्रशिस्त पत्र हो शामिल। मेरा मानना है कि बिना मांगे मां भी दूध नही पिलाती है और बिना कहे रोटी भी नहीं मिलती है इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए बिश्नोई समाज से जुड़े दुनियाभर में सक्रिय सभी नागरिक चाहे वो गांव में रहते हो या शहर में नौकरी पेशा हो या उद्योगपति व्यापारी सबको इस संदर्भ में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को सोशल मीडिया के माध्यम से इस संदर्भ में आग्रह भेजना चाहिए और सभी बिश्नोई जन इस खबर को अपने स्तर पर ज्यादा से ज्यादा प्रचारित कर अपनी सोशल मीडिया साईडो पर इसे जरूर स्थान दे एवं इस बात का प्रचार करें। जिससे गुरू जम्भेश्वर जी महाराज के प्रेेरणास्रोत कार्यों का लाभ वर्तमान पीढ़ी को भी मिल सके। (प्रस्तुतिः- अंकित बिश्नोई राष्ट्रीय महामंत्री सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए व पूर्व सदस्य मजीठिया बोर्ड यूपी)
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