उत्तरकाशी 02 अक्टूबर। विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. इसके बाद मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में होंगे. वहीं गंगोत्री धाम के कपाट छह माह शीतकाल के लिए 22 अक्टूबर को अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मूहूर्त में पूर्वाहन 11 बजकर 36 मिनिट पर विधिविधान से बंद कर दिए जाएंगे. इसके बाद मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में होंगे.
यमुनोत्री के कपाट भैया दूज के पावन पर्व पर गुरुवार को विधि-विधान धन लग्न अमृत वेला पर 23 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. दशहरा पर्व पर आज पुरोहित समाज की मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में स्थित यमुना मंदिर में आहूत बैठक में यमुनोत्री धाम के कपाट बंद की तिथि मुहुर्त निकाला गया. यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया गुरुवार को विधि-विधान के साथ विशाखा नक्षत्र आयुष्मान योग धनु लग्न अमृत वेला के अवसर पर दोपहर 12.30 बजे कपाट 6 माह शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.
यमुनोत्री मंदिर समिति के अनुसार अब 6 माह शीतकाल में यमुना के मायके खरसाली गांव में स्थित यमुना मंदिर में मां यमुना के दर्शन और पूजा अर्चना होगी. इससे पहले सुबह मां यमुना के भाई सोमेश्वर महाराज शनिदेव की डोली यमुनोत्री धाम अपनी बहन को लेने रवाना होगी. इस मौके पर सुनील उनियाल, विजय प्रकाश, प्रदीप उनियाल उनियाल संजीव उनियाल, राघवानन्द उनियाल,कृतेश्वर उनियाल, महावीर प्रसाद मनमोहन उनियाल , सुरेश उनियाल,दिव्यांशु उनियाल नारायण उनियाल, आदि मौजूद रहे.
वहीं, विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट छह माह शीतकाल के लिए 22 अक्टूबर को अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मूहूर्त में पूर्वाहन 11 बजकर 36 मिनिट पर विधिविधान से बंद कर दिए जाएंगे. इसके बाद मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में होंगे. गंगोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया नवरात्र के शुभअवसर पर गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने की तिथि और मूहूर्त को पंचांग के अनुसार निकाला गया.
उन्होंने बताया गंगोत्री धाम के कपाट 6 गते कार्तिक को अभिजीत मूहूर्त में 11 बजकर 36 मिनिट पर बंद कर दिए जाएंगे. उसके बाद गंगा जी की विग्रह डोली में भोगमूर्ति को आर्मी बैंड और स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए रवाना होगी. 22 अक्टूबर की रात को गंगा जी की डोली मुखबा गांव से करीब दो किमी की दूरी पर स्थित मार्कडेंय मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी. उसके बाद अगले दिन 23 अक्टूबर को दोपहर में गंगा जी की विग्रह डोली मुखबा गांव पहुंचेगी. जहां गंगा मंदिर में उनकी भोगमूर्ति को विधिविधान से शीतकाल छह माह के लिए स्थापित किया जाएगा.