नई दिल्ली 18 दिसंबर। दिल्ली से देहरादून का सफर अब सिर्फ दूरी नहीं, बल्कि एक यादगार एक्सपीरिएंस बनने वाला है। सालों से जिस एक्सप्रेसवे का इंतजार किया जा रहा था, उसे लेकर अब बड़ी खुशखबरी सामने आई है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संकेत दिए हैं कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे अगले 10 से 15 दिनों में आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी से समय मांगा गया है। इसके शुरू होते ही राजधानी दिल्ली से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून तक का सफर महज 2 घंटे में पूरा किया जा सकेगा, जो अभी करीब 6 से 6.5 घंटे का होता है।
नितिन गडकरी ने बताया कि उन्होंने इस 212 किलोमीटर लंबे, 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय भी मांगा है। करीब 12,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह मेगा प्रोजेक्ट देश के सबसे आधुनिक एक्सप्रेसवे में से एक माना जा रहा है।
चार हिस्सों में बने इस एक्सप्रेसवे की शुरुआत दिल्ली में अक्षरधाम और शास्त्री पार्क क्षेत्र से होती है। इसके बाद यह ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) से जुड़ते हुए बागपत, शामली और सहारनपुर होते हुए उत्तराखंड के देहरादून तक जाता है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर और उत्तराखंड के बीच कनेक्टिविटी को नई रफ्तार देगा, जिससे पर्यटन, व्यापार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है।
वाइल्डलाइफ फ्रेंडली एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेसवे की खास बात यह है कि इसे केवल रफ्तार ही नहीं, बल्कि पर्यावरण और वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। गणेशपुर से देहरादून के बीच का हिस्सा वाइल्डलाइफ फ्रेंडली रखा गया है। यहां करीब 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाया गया है, जो जंगलों और नदियों के ऊपर से गुजरता है। इसके अलावा 6 एनिमल अंडरपास, 2 हाथी अंडरपास, 2 बड़े और 13 छोटे पुल बनाए गए हैं, ताकि वन्यजीवों की आवाजाही बाधित न हो।
एनएचएआई के अनुसार, दिल्ली से देहरादून तक कुल 5 टोल प्लाजा बनाए जाएंगे। इसके अलावा एक्सप्रेसवे पर 12 इंटरचेंज भी तैयार किए गए हैं, जिससे आसपास के शहरों और कस्बों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
दिल्ली से बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक जाने पर यात्रियों को किसी तरह का टोल शुल्क नहीं देना होगा।
बागपत से सहारनपुर तक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन कई हिस्सों में काम अभी अधूरा है। निर्माण एजेंसियों के मुताबिक, सहारनपुर क्षेत्र का बचा हुआ काम दिसंबर 2025 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।

