नैनीताल 27 अप्रैल। उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग ने गत दिवस भीषण रूप ले लिया और आग की लपटें नैनीताल की हाई कोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गईं. आग पर काबू पाने के लिए नैनीताल प्रशासन ने वन विभाग के कर्मचारियों और सेना के जवानों को बुलाया है. यदि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाती है तो वे अग्निशमन अभियान में हेलीकॉप्टरों को लगा सकते हैं।
नैनीताल के जिला मुख्यालय के पास लगी आग से पाइंस इलाके में स्थित हाई कोर्ट कॉलोनी के निवासियों के लिए खतरा पैदा हो गया है. इससे यातायात भी बाधित हुआ।
क्षेत्र के निवासी और सहायक रजिस्ट्रार अनिल जोशी ने कहा, ‘‘ पाइन्स के पास स्थित एक पुराने और खाली घर को आग ने अपनी चपेट में ले लिया है. इससे हाई कोर्ट कॉलोनी को कोई नुकसान नहीं हुआ है लेकिन, यह खतरनाक रूप से भवनों के नजदीक तक पहुंच गयी है. शाम से ही आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं.’’ पाइन्स के पास ही स्थित भारतीय सेना के संवेदनशील क्षेत्र तक आग के पहुंचने की आशंका को देखते हुए आग को जल्द से जल्द बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
जिला प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए फिलहाल नैनी झील में नौकायन पर रोक लगा दी है जबकि आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेने के प्रयास भी किए जा रहे हैं. नैनीताल के प्रभागीय वन अधिकारी चंद्रशेखर जोशी ने बताया, ‘‘आग को बुझाने के लिए हमने मनोरा रेंज के 40 कार्मिक तथा दो वन रेंजरों की तैनाती की है.’’
उत्तराखंड के वन विभाग ने कहा है कि 24 घंटों में राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में जंगल में आग लगने की 26 और गढ़वाल क्षेत्र में पांच घटनाएं सामने आईं। आग के कारण 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ.
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 1 नवंबर से राज्य में जंगल में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आई हैं, जिससे 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ और राज्य को 14 लाख से अधिक का नुकसान हुआ। उत्तराखंड के अधिकारियों ने जखोली और रुद्रप्रयाग में जंगल में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।