फतेहपुर 05 फरवरी। छत्तीसगढ़ के नए पुलिस मुखिया 1992 बैच के आईपीएस अफसर अरुण देव गौतम को बनाया गया है। मंगलवार को डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल खत्म हो गया। उनकी विदाई के साथ सरकार ने अस्थाई तौर पर गौतम को पुलिस महानिदेशक पुलिस बनाया है।
1991-92 बैच के आईपीएस ऑफीसर अरुणदेव गौतम ने छत्तीसगढ़ पुलिस का मुखिया बनकर जनपद को गौरवान्वित किया है। जैसे ही यह खबर उनके पैतृक गांव अभयपुर में पहुंची, पूरा गांव जश्न में डूब गया। कहीं सुंदरकांड का पाठ तो कहीं मिठाई बंटनी शुरू हो गई। ग्रामीणों ने खुशी में आतिशबाजी छुड़ाई।
डीजीपी के ओहदे तक पहुंचे अरुणदेव गौतम पांच भाई व एक बहन हैं। वह पांच भाइयों में चौथे नंबर के भाई हैं। उनके तीन बड़े भाइयों में से सबसे बड़े भाई गिरजाशंकर सिंह गौतम इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। वहीं दूसरे नंबर के भाई दयाशंकर सिंह गांव में रहकर खेती-किसानी का कार्य करते हैं।
बताते चले कि अविभाजित मध्यप्रदेश में अरुण देव भोपाल के पहले एसपी बने। छत्तीसगढ़ गठन के बाद वे कोरिया, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, सरगुजा और बिलासपुर एसपी रहे। डीआईजी बनने के बाद पुलिस मुख्यालय में सीआईडी, योजना प्रबंधन, प्रशासन और सीएम सुरक्षा में भी पदस्थ रहे।
इसके बाद बिलासपुर आईजी बने। झीरम कांड के बाद उन्हें बस्तर आईजी बनाया गया। इसके बाद वे रेलवे, प्रशिक्षण, भर्ती और यातायात शाखाओं के प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक रहें। एडीजी बनने के बाद गृह सचिव, जेल व परिवहन विभाग का भी दायित्व संभाला।
छत्तीसगढ़ के डीजीपी बने अरुणदेव गौतम पूर्व सदर विधायक विक्रम सिंह के बहनोई हैं। डीजीपी का विवाह वर्ष 1994 में ज्योति गौतम के साथ कानपुर बर्रा में हुआ था। इसके दो पुत्र में बड़ा पुत्र अक्षत गौतम भुवनेश्वर में प्रवक्ता है, वहीं छोटा पुत्र डा. तन्मय गौतम विलासपुर सरकारी अस्पताल में चिकित्सक है।