नई दिल्ली 24 नवंबर। राजधानी में व्यवस्था को बेहतर करने के लिए दिल्ली सरकार राजस्व जिलों की सीमा में बदलाव करने जा रही है। अब दिल्ली में 11 की जगह 13 जिले होंगे और 33 की जगह 39 सब डिवीजन होंगी।
नए जिलों का परिसीमन निगम के जोन के हिसाब से किया गया है और अधिकांश के नाम भी निगम जोन पर ही रखे जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार के पास भेजे गए इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सरकार जल्द यह प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास भेजेगी और उनकी मंजूरी के बाद परिसीमन में बदलाव हो जाएगा।
सरकार दिल्ली में ऐसे जिले गठित करना चाहती है, जहां कानून व्यवस्था को छोड़कर बाकी मुद्दों के लिए एक ही कार्यालय हो। लोगों को अलग-अलग दफ्तरों में भटकना न पड़े। इसके लिए निगम जोन के अनुरूप ही सरकार राजस्व जिलों का गठन करने जा रही है।
नए जिलों की प्रस्तावित सूची
पुरानी दिल्ली – सदर बाजार, चांदनी चौक
मध्य दिल्ली – डिफेंस कॉलोनी, कालकाजी
नई दिल्ली – नई दिल्ली, दिल्ली कैंट
सिविल लाइंस – अलीपुर, आदर्श नगर, बादली
करोल बाग – मोती नगर, करोल बाग
केशव पुरम – शालीमार बाग, शकूर बस्ती, मॉडल टाउन
नरेला – नरेला, मुंडका, बवाना
नजफगढ़ – द्वारका, बिजवासन–वसंत विहार, कापसहेड़ा, नजफगढ़
रोहिणी – रोहिणी, मंगोलपुरी, किराड़ी
शाहदरा दक्षिण – गांधी नगर, विश्वास नगर, कोंडली
शाहदरा उत्तर – करावल नगर, सीमापुरी, सीलमपुर, शाहदरा
दक्षिण जिला – महरौली, मालवीय नगर, देवली, आरके पुरम
पश्चिम जिला – विकासपुरी, जनकपुरी, मादीपुर
जनता को क्या लाभ होगा?
दिल्ली की बड़ी आबादी रोजाना सरकारी कामों के लिए विभिन्न दफ्तरों के चक्कर काटती है. कई बार एक विभाग से दूसरे विभाग जाने में समय व धन दोनों की बर्बादी होती है. सरकार का मानना है कि जिलों और सब-डिवीजनों की संख्या बढ़ने से सेवाएं जनता के घर के करीब उपलब्ध होंगी. इसके साथ ही फाइलों का निपटारा तेज होगा, दफ्तरों में भीड़ कम होगी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता आएगी. विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की तेजी से बढ़ती आबादी को देखते हुए यह पुनर्गठन समय की मांग है. नई जिलेबंदी से शहर का प्रशासन और अधिक आधुनिक, चुस्त और सुगम बन सकेगा.

