अयोध्या 20 सितंबर। राम मंदिर की भव्यता को और बढ़ाने के लिए अब भव्य ध्वजा को शिखर पर स्थापित करने की तैयारी हो रही है. राम जन्मभूमि ट्रस्ट की मानें तो यह ध्वजा बेहद खास होगी. इस ध्वजा पर एक प्राचीन चिह्न भी होगा. इस चिह्न की खोज की जा रही है. ट्रस्ट की मानें तो इस ध्वजा को स्थापित करने के लिए बेहद खास दिन भी चुना गया है. राम सीता विवाह पंचमी के मौके पर इस ध्वजा को मंदिर में स्थापित किया जाएगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम 25 नवंबर को विवाह पंचमी की तिथि पर आयोजित होगा. यह कार्यक्रम सीमित समय के लिए रखा गया है. विवाह पंचमी पर ढाई घंटे का कार्यक्रम होगा. उन्होंने दावा किया कि यह कार्यक्रम ऐसा होगा जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी. इसकी चर्चा एक बार फिर पूरी दुनिया में होंगी. शाम को राम बारात भी निकलेगी.
उन्होंने बताया कि ध्वजारोहण और विवाह पंचमी के लिए तैयारी शुरू हो गई है. साधु-संतों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राम मंदिर के शिखर पर लगने वाले ध्वज को विशेष रूप से तैयार किया जाएगा. प्राचीन काल में भगवान राम के ध्वज का कोई विशेष चिन्ह रहा होगा. इसकी जानकारी जुटाई जा रही है, जहां संतों की राय और ग्रंथों में लिखें तथ्यों के साथ प्राचीन चिह्न को तय किया जाएगा. इसके लिए विद्वानों और समाज से सहयोग की अपील की जा रही है. वहीं, चंपत राय के मुताबिक ध्वज का आकार, ऊंचाई पर हवा की गति व प्रभाव जैसे पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है. ध्वजा को भव्य स्वरूप दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि राम मंदिर के साथ परिसर में स्थापित शेषवतार मंदिर, परकोटा के छे देवी देवताओं के साथ साथ ऋषियों-मुनियों के मंदिर का भी निर्माण पूर्ण होने के बाद प्राण प्रतिष्ठा और मूर्ति स्थापना का कार्यक्रम संपन्न हो चुका है. नाथ मंदिरों के शिखर पर भी ध्वजारोहण कि जाएगा. इसकी तैयारी ट्रस्ट कर रहा है. उन्होंने कहा कि ध्वजारोहण औऱ विवाह पंचमी के कार्यक्रम को लेकर भक्तों से अपील की जा रही है कि जब वह अयोध्या आएं तो किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें. वह शुक्रवार को कारसेवकपुरम में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे.