नई दिल्ली 05 सितंबर। एडीआर और न्यू ने देशभर के 652 में से 643 मंत्रियों की कुंडली खंगाली है. इनमें से 302 मिनिस्टर दागी निकले हैं. गौर करें तो एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) ने राज्य विधानसभाओं, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के वर्तमान मंत्रियों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है. इस एनॉलिसिस में 27 राज्य विधानसभाओं, 3 केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय परिषद के कुल 652 मंत्रियों में से 643 का विश्लेषण किया गया है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) के विश्लेषण किए गए 643 मंत्रियों में से 302 यानी कि 47 फीसदी मंत्रियों ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
कुछ प्रमुख पार्टियों के नेताओं की स्थिति
भाजपा 336 मंत्रियों में से 136 (40%) पर आपराधिक केस हैं, वहीं 88 (26%) पर गंभीर आरोप हैं।
कांग्रेस 61 मंत्रियों में से 45 (74%) पर केस हैं, 18 (30%) पर गंभीर आरोप हैं।
डीएमके 31 में से 27 (87%) मंत्री आरोपी हैं, 14 (45%) पर गंभीर केस हैं।
टीएमसी 40 में से 13 (33%) पर केस हैं, 8 (20%) पर गंभीर आरोप हैं।
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) 23 में से 22 (96%) मंत्री आरोपी हैं, 13 (57%) पर गंभीर केस हैं।
गंभीर आपराधिक मामलों वाले मंत्री
174 यानी 27% मंत्रियों ने अपने विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के विरुद्ध अपराध आदि से संबंधित मामले शामिल हैं.
स्व-घोषित आपराधिक मामलों वाले पार्टीवार मंत्री: आपराधिक मामलों वाले मंत्री: भाजपा के 336 मंत्रियों में से 136 (40%), कांग्रेस के 61 मंत्रियों में से 45 (74%), एआईटीसी के 40 मंत्रियों में से 13 (33%), डीएमके के 31 मंत्रियों में से 27 (87%), टीडीपी के 23 मंत्रियों में से 22 (96%), आप के 16 मंत्रियों में से 11 (69%), जेडी(यू) के 14 मंत्रियों में से 4 (29%) और शिवसेना के 13 मंत्रियों में से 7 (54%) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
गंभीर आपराधिक मामलों वाले पार्टीवार मंत्री: भाजपा के 336 मंत्रियों में से 88 (26%), कांग्रेस के 61 मंत्रियों में से 18 (30%), एआईटीसी के 40 मंत्रियों में से 8 (20%), डीएमके के 31 मंत्रियों में से 14 (45%), टीडीपी के 23 मंत्रियों में से 13 (57%), आप के 16 मंत्रियों में से 5 (31%), जेडी(यू) के 14 मंत्रियों में से 1 (7%) और शिवसेना के 13 मंत्रियों में से 3 (23%) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
स्व-घोषित आपराधिक मामलों वाले मंत्री: संघ परिषद के विश्लेषण किए गए 72 मंत्रियों में से 29 (40%) ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
30 राज्य/संघ राज्य क्षेत्र विधानसभाओं में से 11 में 60% से अधिक मंत्रियों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन 11 में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और पुडुचेरी शामिल हैं.
हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, नागालैंड और उत्तराखंड की 4 राज्य/संघ राज्य क्षेत्र विधानसभाओं में किसी भी मंत्री ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामले घोषित नहीं किए हैं.
वित्तीय पृष्ठभूमि: इसके साथ ही देश भर के मंत्रियों की वित्तीय पृष्ठिभूमि पर नजर दौड़ाते हैं.
मंत्रियों की औसत संपत्ति: राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं और केंद्रीय परिषद के प्रत्येक मंत्री की औसत संपत्ति 37.21 करोड़ रुपये है.
अरबपति मंत्री: राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं और केंद्रीय परिषद के विश्लेषण किए गए 643 मंत्रियों में से 36 (6%) अरबपति हैं.
मंत्रियों की कुल संपत्ति: 643 मंत्रियों की कुल संपत्ति 23,929 करोड़ रुपये है.
अरबपति मंत्री – रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय परिषद और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश विधानसभाओं के अरबपतियों का डेटा इस तरह से है.
केंद्र शासित प्रदेश/राज्य विधानसभाओं में अरबपति मंत्री): 30 राज्य विधानसभाओं में से 11 विधानसभाओं में अरबपति मंत्री हैं. कर्नाटक में सबसे अधिक 8 अरबपति मंत्री हैं. उसके बाद आंध्र प्रदेश में 6 और महाराष्ट्र में 4 अरबपति मंत्री हैं. अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और तेलंगाना में 2-2 मंत्री हैं. जबकि गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब में 1-1 मंत्री हैं.
केंद्रीय परिषद: 72 मंत्रियों में से 6 (8%) अरबपति हैं.