नई दिल्ली 05 सितंबर। अब यूपीआई से 24 घंटे में 10 लाख तक का लेनदेन किया जा सकेगा। हालांकि, यह केवल उन संस्थाओं के लिए है, जो कर यानी टैक्स भुगतान से जुड़ी श्रेणियों में आती हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने 15 सितंबर की आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख को देखते हुए यह फैसला किया है। यह नई व्यवस्था 15 सितंबर 2025 से लागू होगी.
एनपीसीआई ने इस बदलाव के साथ बैंकों को भी छूट दी है कि वे अपनी नीतियों और सुरक्षा मानकों के अनुसार आंतरिक लेनदेन सीमा तय कर सकते हैं. हालांकि, यह सुनिश्चित करना होगा कि 24 घंटे की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये से अधिक न हो. इससे बैंकों को ग्राहकों की सुविधा के साथ-साथ सुरक्षा पर भी ध्यान देने का अवसर मिलेगा.
यह सुविधा केवल सत्यापित व्यापारियों और संस्थाओं के साथ लेनदेन पर लागू होगी. यानी व्यक्ति से व्यापारी (Person-to-Merchant) लेनदेन के लिए ही यह सीमा बढ़ाई गई है. पूंजी बाजार, बीमा प्रीमियम भुगतान और टैक्स जमा करने जैसे क्षेत्रों में अब प्रति लेनदेन सीमा 5 लाख रुपये और 24 घंटे में कुल सीमा 10 लाख रुपये कर दी गई है. पहले यहां प्रति लेनदेन सीमा केवल 2 लाख रुपये तक ही थी.
इस बदलाव का असर आम उपयोगकर्ताओं के बीच होने वाले लेनदेन पर नहीं पड़ेगा. व्यक्ति से व्यक्ति (Person-to-Person) लेनदेन की सीमा अब भी 1 लाख रुपये प्रतिदिन ही रहेगी. यानी यदि कोई व्यक्ति अपने किसी परिचित या परिवारजन को पैसे भेजना चाहता है, तो वह अधिकतम 1 लाख रुपये ही भेज पाएगा.
एनपीसीआई का यह फैसला भारत में डिजिटल भुगतान को और प्रोत्साहित करने वाला है. टैक्स और बीमा जैसे क्षेत्रों में जहां बड़े भुगतान अक्सर ऑनलाइन किए जाते हैं, वहां यह बदलाव लोगों के लिए सुविधा लेकर आएगा. इसके अलावा, यह व्यापारियों और निवेशकों के लिए भी सहूलियत भरा होगा, क्योंकि उन्हें अब भुगतान के लिए बार-बार लेनदेन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
डिजिटल इंडिया अभियान और कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में यह निर्णय एक और बड़ा कदम माना जा रहा है. अब देखना होगा कि बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं द्वारा इसे किस तरह लागू किया जाता है और ग्राहक इसका कितना लाभ उठा पाते हैं.