काठमांडू, 09 सितंबर। भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को नौजवानों के गुस्से से नेपाल सुलग उठा। सड़क से संसद तक भारी हंगामा हुआ। आक्रोशित नौजवान संसद परिसर में घुस गए। इस दौरान कई शहरों में पुलिस से झड़प और गोलीबारी में 20 की मौत हो गई, जबकि 350 से अधिक घायल हैं। कई स्थानों पर सेना तैनात कर कर्फ्यू लगाना पड़ा। देर रात नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध वापस ले लिया। वहां के संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा, सूचना मंत्रालय ने संबंधित एजेंसियों को सोशल मीडिया साइटों को फिर से शुरू करने का आदेश दिया है।
जेन जेड के बैनर तले काठमांडू में स्कूली छात्रों समेत हजारों युवा संसद भवन के सामने एकत्र हो गए और सोशल मीडिया से प्रतिबंध हटाने की मांग करने लगे। इस दौरान युवा सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब कुछ आंदोलनकारी संसद परिसर में घुस गए, तो विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलानी पड़ीं। इससे प्रदर्शनकारी और भड़क गए। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोग हमपर फैसले थोप नहीं सकते। वे भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों को दबाना चाहते हैं।
नेपाली अखबार हिमालयन टाइम्स और स्थानीय समाचार पोर्टल खबरहब ने स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि 20 लोग मारे गए हैं। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रशासन ने हंगामा रोकने के लिए संसद भवन के पास के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया। सेना के जवानों ने आसपास की सड़कों को नियंत्रण में ले लिया।
कई शहरों में प्रदर्शन
विरोध की चिंगारी काठमांडू से पोखरा, बुटवल, नेपालगंज, विराटनगर, चितवन तक फैल गई और वहां भी प्रदर्शन शुरू हो गए। इसके बाद भैरहवा बॉर्डर, बुटवल, रुपन्देही, सिंहदरबार समेत कई स्थानों पर प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा। इसके पूर्व देर शाम प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया था।
युवाओं के समूह ने सोशल मीडिया पर नेपो किड नाम से अभियान चलाया था। इसमें भ्रष्टाचार से अर्जित धन से राजनेताओं, प्रभावशाली लोगों के बच्चों को विशेषाधिकार देने का आरोप लगाया गया था।
युवाओं की प्रमुख मांगें
- सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए
- भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा की जाए
- प्रधानमंत्री ओली अपने पद से तुरंत इस्तीफा दें
बैरिकेड तोड़ते ही उग्र हुआ प्रदर्शन
शांतिपूर्ण मार्च के रूप में शुरू हुआ यह प्रदर्शन तब उग्र हो गया, जब प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और संसद के पास प्रतिबंधित क्षेत्रों में घुस गए। पेड़ों की टहनियां तोड़ने, पानी की बोतलें फेंकने और सरकार विरोधी नारे लगाने के बाद पुलिस ने सख्ती की। कुछ प्रदर्शनकारी कथित तौर पर संसद परिसर में घुसने में कामयाब रहे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
गृह मंत्री रमेश लेखक ने त्यागपत्र दिया
हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने सोमवार को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया। कैबिनेट की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को गृह मंत्री ने अपना इस्तीफा सौंपा।