वाराणसी 12 नवंबर। इटली के रहने वाले कपल को सनातन संस्कृति इतनी पसंद है कि दोनों ने हिंदू रीति-रिवाजों से काशी आकर फिर से शादी की है. मंगलवार को नवदुर्गा मंदिर में विदेशी जोड़े ने अग्नि के सात फेरे लिए. बीते 10 सालों की दोस्ती को जनम-जनम के बंधन में बदलने के लिए इटली की एंटोलिया और ग्लोरियस ने मंत्रों के बीच एक दूसरे को माला पहनाई. शादी के बाद यह विदेशी जोड़ा काफी खुश नजर आया.
वाराणसी के नवदुर्गा मंदिर में आचार्य मनोज मिश्रा के नेतृत्व में विदेशी जोड़े की शादी का कार्यक्रम संपन्न कराया गया. जिसमें पंडित की भूमिका में पंडित विकास, आनंद और प्रकाश मौजूद रहे. पं. विकास ने बताया कि इन दोनों ने एक महीने पहले इटली में विवाह किया था. दोनों पति-पत्नी वहां किसी कंपनी में काम करते हैं. उन्हें सनातन धर्म काफी पसंद है. उन्होंने कहीं पढ़ा था कि काफी लोग काशी में शादी करते हैं. इसलिए उन्होंने भी यहां पहुंचकर विधिवत 7 फेरे लिए.
इस जोड़े ने हिंदू धर्म के अनुसार अपने वैवाहिक कार्यक्रम को पूरा करने की प्लानिंग की. सफारी सूट पहनकर दूल्हा पहुंचा तो दुल्हन भी लाल जोड़े में दिखाई दी. हिंदू परंपरा के अनुसार, सिंदूरदान, कन्यादान के साथ-साथ अन्य रस्में भी निभाई गईं. विदेश से दुल्हन का कोई रिश्तेदार नहीं आ पाया तो मुंह बोले पिता और मुंह बोले भाई ने रस्मों को पूरा किया. शादी होने के बाद दूल्हा-दुल्हन ने बताया कि दोनों की दोस्ती थी. 1 माह पहले उन्होंने इटली में चर्च में शादी की थी, लेकिन उनकी इच्छा थी कि सनातनी बनाकर हिंदू रीति-रिवाजों में शादी करेंगे.
इटली की रहने वाली दुल्हन एंटोलिया ने बताया- मैं ग्लोरियस को पिछले 10 सालों से जानती हूं। हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती है। हम लोग वहीं पर जॉब करते हैं। एक महीने पहले ही हमने इटली में शादी की थी। लेकिन हमें सनातन धर्म काफी पसंद था।
मैंने और ग्लोरियस ने काशी के बारे में काफी पढ़ा था। हमारी इच्छा थी कि हम लोग यहां आएं और हिन्दू रीति रिवाज से शादी करें। हम 10 नवंबर को काशी पहुंच गए और गाइड के जरिए आचार्य मनोज मिश्रा से संपर्क किया। उन्होंने हमारी शादी की डेट 11 नवंबर तय की।

