गाजियाबाद 31 दिसंबर। पुलिस ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। इसमें गैंग का मास्टमाइंड भी है, जो एमएससी (कंप्यूटर साइंस) है। आरोपियों ने चार राज्यों में साढ़े चार करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। इतना ही नहीं आरोपी बैंकों में ड्रॉप बॉक्स से चेक चुराकर उसमें बेनिफिशरी का नाम हटाकर अपना नाम डालकर भी फ्रॉड करते थे। इनसे नौ मोबाइल फोन, एक चेक बुक, एक पासबुक और दो डेबिट कार्ड बरामद किए गए। पुलिस ने गुजरात, राजस्थान, पंजाब, तेलंगाना में साइबर ठगी के छह और चेक से फ्रॉड करने के 31 मामलों का खुलासा किया है।
एडीसीपी अपराध सच्चिदानंद ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान पश्चिम बंगाल के नदिया निवासी अमित राय, बिजनौर निवासी विवेक कुमार उर्फ जतिन गुप्ता और दिल्ली के सोनिया विहार निवासी राहुल के रूप में हुई है। अमित हाल में दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 17 में रहता था। गिरोह का सरगना अमित राय है। अमित ने एमएससी (कंप्यूटर साइंस), विवेक ने बीएससी और राहुल ने सातवीं तक की पढ़ाई की है।
पूछताछ में अमित ने बताया कि उसके गिरोह में उत्तम, विवेक कुमार, अनुज कुमार, मुकेश चौहान, अतुल, विक्की और राहुल हैं। सभी लोग मिलकर जरूरतमंद लोगों को रुपये का लालच देकर उनके दस्तावेज लेकर अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाते थे। इसके बाद उन खातों की डिटेल अपने पास रखते थे। विवेक ने बताया कि वह अनुज, मुकेश, अतुल, विक्की के साथ मिलकर अलग-अलग राज्य और शहरों में बैंक में जाकर ड्रॉप बॉक्स में एक चेक डालते थे। इसके बाद बैंककर्मी से गलत चेक डालने की बात कहकर ड्रॉप बॉक्स खुलवाकर अपने चेक के साथ कुछ और चेक भी निकाल लेते थे। फिर उन चेकों में एक केमिकल के जरिए बेनिफिशरी का नाम हटाकर अपने फर्जी बैंक खातों की डिटेल भरकर कैश करा लेते थे। खातों में आने वाली रकम को अमित और उत्तम निकालते थे।
पूछताछ में शातिरों ने बताया कि बैंकों के ड्रॉप बॉक्स में से चेक निकालकर फर्जीवाड़ा करने के लिए गैंग के सदस्य अलग-अलग शहरों में जाते थे और वहां होटल लेकर रुकते थे। कुछ दिन अलग-अलग बैंक में ऐसा करने के बाद वहां से दूसरे शहरों में भाग जाते थे।
पुलिस के मुताबिक इन लोगों ने देश के अलग-अलग राज्यों में 31 साइबर फ्रॉड की घटनाओं को अंजाम दिया है। जिसमें 4:50 करोड रुपए की ठगी इन्होंने की है।