गाजियाबाद 13 सितंबर। साइबर ठगों को कमीशन पर फर्जी तरीके से खोले बैंक खाते उपलब्ध कराने और नोट बदले ठगी करने वाले एक गिरोह के छह शातिरों को एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने विजयनगर की गौड़ सिद्धार्थम सोसायटी के एक फ्लैट में छापेमारी कर शातिरों को पकड़ा है। इनके पास से 25.60 लाख कैश, नेट गिनने की मशीन, आठ मोबाइल फोन, नोट बनाने के कागज से भरा बैग, कार, तमंचा, फर्जी दस्तावेज और 100 से ज्यादा फर्जी बैंक खातों की डिटेल मिली है। पांच और लोगों के नाम भी सामने आए हैं। इनमें बिहार के दो बैंकों के मैनेजर व अन्य कर्मी भी शामिल हैं।
एसटीएफ के एएसपी राजकुमार मिश्र ने बताया कि पकड़े गए शातिर बिहार के छपरा निवासी शुभम राज उर्फ बाबा, सिवान निवासी प्रदीप, पटना निवासी धीरज, सारण निवासी सोनू व अमरजीत और बुलंदशहर के शिकारपुर निवासी अनुराग हैं। गिरोह का सरगना 12वीं पास शुभम राज है। एएसपी ने बताया कि काफी समय से नोट बदल ठगी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी। जांच में पता चला कि 11 सितंबर को हरियाणा के युनूस खान से बाबा नाम के व्यक्ति ने ठगी की थी। जांच में कुछ लोगों हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और निशानदेही पर गौड़ सिद्धार्थम सोसाइटी में छापेमारी कर शातिरों को पकड़ा गया है। इस मामले में इंद्रमणी, चंचल कुमार, मृत्युंजय कुमार, अंकित कुमार और शान्वी की तलाश की जा रही है।
शातिर अलग-अलग क्षेत्र में फ्लैट किराये पर लेकर ठगी का धंधा चला रहे थे। आरोपी बड़े नोट के बदले छोटे नोट डेढ़ गुना देने का लालच देकर ठगी करते हैं। वह लोगों को बताते थे कि उन्हें राजनीतिक पार्टियों को बड़े नोट देने होते है। शातिर अलग-अलग शहरों में जाकर लोगों को फंसाकर ठगी करते थे। इसके अलावा यह गिरोह अन्य ठगों को भी 20 प्रतिशत कमीशन के बेस पर फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराते थे।
शातिर फ्लैट किराये पर लेते है और एक क्लाइट के साथ ठगी के बाद तुरंत फ्लैट खाली कर ठिकाना बदल देते हैं। शतिर फ्लैट में एक तख्त रखते है, जिसका बीच का हिस्सा काटकर रखते हैं। तख्त कमरे में ऐसी जगह रखते है जिसके पीछे भी कोई कमरा या खाली स्थान हो। वहीं, एक व्यक्ति बैठा रहता है। तख्त के नीचे भी उनका एक साथी बैठा रहता है जो नोट के साइज की कागज की गड्डी तख्त के ऊपर बैठे व्यक्ति को पकड़ाता है।
वहीं, उसी स्थान के पीछे दीवार में छेद करके रखते थे, वहा भी एक व्यक्ति बैठा रहता है। इससे तख्त के नीचे बैठा व्यक्ति असली नोट की गड्डी को दीवार के पीछे बैठे व्यक्ति को पकड़ाता है। तख्त के ऊपर बैठा व्यक्ति क्लाइट से मशीन में नोट की गड्डी गिनकर देने के लिए कहता है। कुछ अन्य शातिर भी क्लाइट का ध्यान भटकाते है। तख्त के ऊपर बैठा व्यक्ति तख्त के कटे हुए हिस्से में से नीचे बैठे व्यक्ति असली गड्डी देकर नकली बैग में भरता था और ऊपर की ओर कुछ असली गड्डी लगाकर क्लाइट को दे देते है।