लखनऊ 30 सितंबर। यूपी एटीएस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि ये देश के धर्मगुरुओं पर जानलेवा हमले की साजिश रच रहे थे। ये लोग पाकिस्तानी संगठनों की तरह ‘मुजाहिद्दीन आर्मी’ बना रहे थे।
एटीएस के मुताबिक, ये सोशल मीडिया पर लोगों को जोड़ रहे थे। वे पैसे और हथियार भी इकट्ठा कर रहे थे। ये कट्टरपंथी संगठन पाकिस्तान से जुड़े थे। उनसे प्रभावित होकर ये भारत में सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे।
गिरफ्तार किए गए लोगों में सुलतानपुर का अकमल रजा शामिल है। सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज से सफील सलमानी उर्फ अली रजवी को पकड़ा गया है। कानपुर के घाटमपुर का मोहम्मद तौसीफ भी गिरफ्तार हुआ है। रामपुर के खजरिया का कासिम अली भी इनमें शामिल है। एटीएस ने बताया कि इन आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उन्होंने बताया कि वे मुसलमानों पर कथित अत्याचारों के खिलाफ जंग-ए-जिहाद छेड़ने और शरीयत लागू करने की योजना बना रहे थे। वे एक जैसी सोच वाले लोगों को जोड़कर ‘मुजाहिद्दीन आर्मी’ बना रहे थे।
सोनभद्र के सफील सलमानी की गतिविधियां पिछले कुछ दिनों से संदिग्ध थीं। उसने अपने वॉट्सऐप प्रोफाइल पर खुद को अली रिजवी यानी मौत का मुसाफिर लिख रखा था। सोशल मीडिया पर वह खूब एक्टिव था। वह लोगों से धार्मिक मामलों के लिए खुद से जुड़ने को कहता था। हालांकि गांव के लोगों से उसका संपर्क काफी कम था। अब उसकी गिरफ्तारी के बाद लोग सकते में हैं।
सफील सलमानी एएमएफ कौम ए मुस्लिम सोनभद्र नाम से वॉट्सऐप ग्रुप चलाता है। इसी में वह धार्मिक पोस्ट करता था। गत 17 सितंबर को उसने अपने स्टेटस पर विवादित पोस्ट लगाई थी।
एटीएस की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। ये लोग ‘टारगेट किलिंग’ की तैयारी कर रहे थे। वे ऐसे गैर-मुस्लिम धार्मिक नेताओं को निशाना बनाना चाहते थे जो इस्लाम के खिलाफ बोलते या बयान देते थे। इन सभी आरोपियों की पहली मुलाकात सोशल मीडिया के एक आम ग्रुप में हुई थी। शुरुआत में इस ग्रुप में 50 से ज्यादा लोग जुड़े थे। बाद में, इन लोगों ने करीब 20 कट्टरपंथियों को चुना। फिर उन्होंने अपना एक अलग ग्रुप बना लिया। एटीएस अब इन चारों के अलावा ग्रुप से जुड़े दूसरे लोगों की भी पहचान कर रही है। उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है। यह कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए बहुत अहम है।