ललितपुर 22 सितंबर। बीते रविवार को ललितपुर में एक ऐसा मंजर देखने को मिला जिसने हर किसी को अंदर तक झकझोर दिया। एक पिता ने अपने बेटे पर लगे फर्जी केस से परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली और जब बेटे को पिता की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए लाया गया, तो उसके हाथों में हथकड़ी लगी थी।
ललितपुर के रहने वाले लक्ष्मी नारायण राठौर एक दुकानदार थे। उनका बेटा शिवम राठौर बजाज फाइनेंस में काम करता था। शिवम पर 1.71 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े और नकली मुहर बनाने का आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया। परिजनों का कहना है कि यह पूरा केस झूठा है और पुलिस ने बिना जांच के उसे फंसा दिया। इसी दुख और बेबसी में लक्ष्मी नारायण ने टीकमगढ़ में फांसी लगाकर जान दे दी।
इन दोनों घटनाओं से ललितपुर के स्थानीय निवासी खासकर व्यापारी में खासा आक्रोश था। परिजनों के साथ व्यापारियों ने शहर के इलाइट चौराहे पर मृतक दुकानदार लक्ष्मी नारायण राठौर का शव रखकर जाम लगा दिया। इसमें पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई। अधिकारियों के समझाने और बेटे के आने के आश्वासन के बाद परिजन शांत हुए।
इसके बाद शिवम को जेल से पैरोल पर निकाल कर लाया गया। पिता के शव को सामने देख शिवम बुरी तरह से बिलखने लगा। इस समय भी उसके हाथ हथकड़ियों से जकड़े थे। उसके ये फोटो सोशल मीडिया पर देखे गए। हालांकि, बाद में अंतिम संस्कार के बाकी के कर्मकांड में उसके हाथ में हथकड़ी नहीं दिखाई दी।
पिता की मौत के बाद परिजनों और व्यापारियों में भारी गुस्सा था। रविवार सुबह, परिवार और व्यापारी शहर के इलाइट चौराहे पर पहुंचे उन्होंने लक्ष्मी नारायण का शव रोड पर रखकर जाम लगा दिया पुलिस के खिलाफ नारेबाजी हुई और आरोप लगाया गया कि शिवम को गलत तरीके से फंसाया गया है।