देश की पुरानी परंपरा सर्वधर्म सदभाव को हमेशा ही प्राथमिकता पर रखते हुए सभी धर्मों को मानने वालों को पूजा अर्चना और त्योहार मनाने की छूट है। भाजपा के सत्ता में आने से पूर्व ज्यादातर सरकारें संघ परिवार को बहुत कुछ कहा करती थी लेकिन जब से केंद्र में एनडीए की सरकार आई है संघ के बारे में सभी मिथक टूटते चले जा रहे हैं क्योंकि संघ प्रमुख मोहन भागवत सभी जाति धर्म को मानने वालों को अपने यहां बुलाकर यह बता रहे हैं कि हम किसी के धर्म या पूजा पाठ के तरीकों के विरोधी नहीं है। तो पीएम मोदी काफी वर्षों से क्रिसमस के मौके पर दिल्ली स्थित कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन में जाते रहे हैं और इस मौके पर आयोजित प्रेयर में हिस्सा भी लेते हैं। बीते दिवस भी पीएम मोदी चर्च गए जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। ईसाई धर्मगुरूओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
एक खबर के अनुसार क्रिसमस 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन में दिल्ली और उत्तर भारत के असंख्य ईसाई समुदाय के साथ क्रिसमस की सुबह की प्रार्थना सभा में भाग लिया। इस प्रार्थना सभा में प्रार्थना, कैरल, भजन और दिल्ली के बिशप, रेवरेंड डॉ. पॉल स्वरूप द्वारा प्रधानमंत्री के लिए की गई विशेष प्रार्थना भी शामिल थी।
पीएम मोदी ने एक्स पर साझा की तस्वीरें
वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा- मैंने दिल्ली के कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन में क्रिसमस की सुबह की प्रार्थना सभा में भाग लिया। प्रार्थना सभा में प्रेम, शांति और करुणा का शाश्वत संदेश झलक रहा था। आशा है कि क्रिसमस की यह भावना हमारे समाज में सद्भाव और मेलजोल को प्रेरित करेगी।
एक अन्य पोस्ट में पीएम मोदी ने चर्च जाने का वीडियो साझा करते हुए लिखा- क्रिसमस नई आशा, स्नेह और दयालुता के प्रति साझा प्रतिबद्धता लेकर आए। द कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन में क्रिसमस की सुबह की प्रार्थना सभा की कुछ झलकियां यहां प्रस्तुत हैं।
पीएम मोदी ने सभी को दीं क्रिसमस की शुभकामनाएं
इससे पहले पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- सभी को शांति, करुणा और आशा से भरपूर आनंदमय क्रिसमस की शुभकामनाएं। ईश्वर करे यीशु मसीह की शिक्षाएं हमारे समाज में सद्भाव को मजबूत करें।
पीएम मोदी के दौरे से गायन मंडली में खुशी
दिल्ली के कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन में आयोजित क्रिसमस की प्रार्थना सभा में प्रधानमंत्री मोदी के शामिल होने के बाद, सभा में उपस्थित गायिका सारा ने कहा, श्प्रधानमंत्री ने पूरी प्रार्थना सभा में भाग लिया और प्रार्थना भी की। उन्होंने हमारी गायन मंडली को भी सुना। यह बहुत अच्छा लगा कि उन्होंने हमारे साथ क्रिसमस मनाया… यह एक सुखद अनुभव था।्य वहीं दूसरी गायिका आकांक्षा ने कहा, श्हमारा दिन और भी खुशनुमा हो गया क्योंकि प्रधानमंत्री यहां आए और हमने उनके सामने गीत गाए।्य
यहां बिशप राइट रेवरेंड डॉ. पॉल स्वरूप ने पीएम के लिए प्रार्थना की और पीएम ने भी ईसा मसीह की शिक्षाएं हमारे समाज को सुदृढ. करेंगी कहकर उन्होंने प्रोत्साहित किया। ऐसे माहौल में जब नागरिक हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई एक हैं का नारा मजबूत व साकार करने के लिए कृत संकल्प नजर आ रहे हैं ऐसे में मुझे भी लगता है कि हमें मध्य प्रदेश के काकेर जिले के बढतबेड़ा गांव में हुए विवाद और धर्मांतरण अगर कहीं होता है या उसकी संभावनाएं नजर आती हैं तो उनका तो विरोध खुलकर किया जाना चाहिए लेकिन छत्तीसगढ़़ की राजधानी रायपुर के मेगनेटों माल में घुसकर ८०-९० लोगों ने जो तोड़फोड़ की उसे सही नहीं कह सकते वर्तमान समय में। जहां तक धर्मांतरण के खिलाफ बंद का आहवान था तो उसे गलत नहीं कहा जा सकता लेकिन ऐसी घटनाएं जिससे आम आदमी भी प्रभावित होता हो वो नहीं होनी चाहिए। यूपी के बरेली के कैंट थाना क्षेत्र में क्रिसमस से एक दिन पहले सेंट अलफासो कैथलेट चर्च के बाहर जो विरोध प्रदर्शन हुआ मुझे लगता है कि उससे देश के नेता जो एकता का प्रयास कर रहे हैं उसे ठेस लगने की संभावनाओं से इनकार नहीं कर सकते। कहने का आश्य सिर्फ इतना है कि धर्मातरण का खुलकर विरोध हो किसी की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ की कोशिश करे या देश की एकता को प्रभावित करने का प्रयास हो तो उसका विरोध संविधान के तहत होना चाहिए। जब संघ परिवार और पीएम मोदी सदभाव को बढ़ावा देने प्रेमभाव कायम रखने का संदेश दे रहे हों ऐसे में तो विरोध प्रदर्शन और वो भी एक खास दिन किसी भी रूप में सही नहीं कहे जा सकते। मैं भावनात्मक रूप से अपने हिंदू सनातन धर्म का पालन करने के लिए वचनबद्ध हूं और ऐेसा करने वाले अन्य की भी प्रशंसा करता हूं मगर किसी के त्योहार के अवसर पर इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देना ना तो धार्मिक दृष्टि से सही है ना संविधान के अनुसार। अब समय बदल रहा है विश्व कुटुम्ब की भावना सबमे पैदा हो रही है धर्म की रक्षा के लिए सबको जागरूक रहना चाहिए लेकिन गलत तरीके से किया गया विरोध ठीक नहीं।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
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