नई दिल्ली 25 जुलाई। कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा विवाद के चलते भारतीय दूतावास ने भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि भारतीय अगर थाईलैंड जाएं तो वहां के 7 राज्यों में जाने से बचें, क्योंकि हालात काफी खराब हैं और वहां जान का खतरा हो सकता है। भारतीय से अपील है कि थाईलैंड जाने से पहले थाईलैंड पर्यटन प्राधिकरण (TAT) न्यूजरूम से अपडेट जरूर लें।
भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइजरी
भारतीय दूतावास ने अपने बयान में कहा, “थाईलैंड-कंबोडिया सीमा के समीप हालात को देखते हुए सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे थाई सरकारी स्रोतों जैसे TAT न्यूज रूम से अपडेट लेते रहें और फिलहाल प्रभावित इलाकों की यात्रा से बचें.” थाई अधिकारियों ने 20 से अधिक स्थानों में यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है, जिनमें उबोन रचथानी, सुरिन, सिसाकेट, बुरीराम, सा काओ, चंथाबुरी और त्राट जैसे प्रमुख प्रांत शामिल हैं.
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पुराना सीमा विवाद है, लेकिन इस विवाद के जंग में बदलने का समय बहुत महत्वपूर्ण है. इस जंग का प्रायोजक है चीन. चीन को एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाना है और इसके लिए वो थाईलैंड का इस्तेमाल कर रहा है. 24 जुलाई की सुबह शुरू हुई जंग में अबतक 14 लोग मारे जा चुके हैं. दोनों देश एक दूसरे पर MLRS हमले कर रहे हैं. थाईलैंड लड़ाकू विमानों से भी हमले कर रहा है. इस जंग के शुरू होने के पीछे क्या कारण है और चीन इससे क्या हासिल करना चाहता है?
कंबोडियाई सेना ने थाईलैंड पर MLRS यानी मल्टीपल लॉन्च्ड रॉकेट सिस्टम से हमले शुरू कर दिए. थाईलैंड के कई शहरों में तबाही का दौर शुरू हो गया.
थाईलैंड के तीन प्रांतों पर कंबोडिया का बारूद बरसने लगा. सीमा के करीब स्कूलों में बच्चों को बंकरों में भेजा जाने लगा. थाईलैंड कंबोडिया की सीमा पर बसे गांवों में अफरा-तफरी और भगदड़ मच गई. थाईलैंड की वायुसेना ने कंबोडिया पर हमले शुरू कर दिए. F-16 से फायर किया गया एक बम कंबोडिया के गैस स्टेशन पर गिरा. दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पुराना है, इससे पहले मई के महीने में भी दोनों देशों की सेनाओं की झड़प हुई थी, लेकिन तब मामला इतना ज्यादा विध्वंसक नहीं हुआ था.
थाई सेना ने बताया कि कंबोडियाई बलों ने भारी तोपों और रूसी निर्मित BM-21 रॉकेट लॉन्चरों का उपयोग किया, जिसके जवाब में थाईलैंड ने उचित जवाबी कार्रवाई की. रिपोर्टों के अनुसार, थाईलैंड ने कंबोडिया की सीमा के अंदर कई हवाई हमले भी किए हैं. शुक्रवार को चार सीमा प्रांतों में थाई सैन्य बलों ने विभिन्न मुठभेड़ों की पुष्टि की.
थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हिंसाग्रस्त प्रांतों से अब तक 58,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं. वहीं, कंबोडियाई प्रशासन ने बताया कि सीमा से लगे क्षेत्रों से 4,000 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया है.
यह संघर्ष मई में एक कंबोडियाई सैनिक की गोली लगने से मौत के बाद दूसरी बड़ी झड़प है. ताज़ा तनाव उस समय और बढ़ गया जब हाल ही में हुए एक बारूदी सुरंग विस्फोट में कई थाई सैनिक घायल हो गए थे और दोनों देशों ने अपने राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड कर दिया था.