बागपत 27 दिसंबर। जिले में 10 खापों के चौधरी की पंचायत में बड़ा निर्णय हुआ है. तय हुआ है कि 18 साल से कम उम्र के लड़कों को स्मार्टफोन नहीं दिया जाएगा. घर के बाहर हॉफ पैंट पहनकर उनके घूमने पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा. इसके साथ ही गेस्टहाउस में होने वाली शादी पर भी रोक लगाने को लेकर सहमति बनी है. हादसे रोकने के लिए व्हॉट्सऐप से ही शादी के कार्ड स्वीकारे जाएंगे.
बागपत में शुक्रवार को खाप पंचायत हुई. इसमें थाम्बा चौधरी, देश खाप, दागढ़ खाप चौधरी, 32 खाप के आजाद मलिक चौधरी समेत 10 खापों के चौधरी शामिल हुए. इसमें फैसला लिया गया कि लड़के और लड़कियां एक समान है. 18 साल से कम उम्र के लड़कों को स्मार्टफोन नहीं दिया जाएगा. घर के बाहर उनके हॉफ पैंट पहनकर घूमने पर भी रोक लगाई जाएगी. कहा गया कि स्मार्टफोन बच्चों को तेजी से बिगाड़ रहा है, ऐसे में बच्चों को बचाने की जरूरत है. इसी के चलते इससे दूर करने की जरूरत है. वहीं, कहा गया कि 18 साल से कम उम्र के लड़के घर में भले ही हॉफ पैंट पहनकर घूमें लेकिन घर के बाहर हॉफ पैंट पहनकर घूमते हैं तो गलत संदेश जाता है. इस पर रोक लगाई जाएगी.
शादियों को लेकर पंचायत में बड़ा फैसला लिया गया. खाप चौधरी ने कहा कि शादियां गांव में और घरों में ही होना ठीक है. गेस्टहाउस में शादी होने के कारण शादियां टूट जाती हैं. साथ ही व्हाट्सएप पर ही शादी के निमंत्रण कार्ड को स्वीकार करने को लेकर फैसला लिया गया. पंचायत में मौजूद पंचों ने कहा कि इस फैसले को पूरे उत्तर प्रदेश में समाज हित को देखते हुए लागू किया जाएगा. सभी अन्य खापों से भी संपर्क कर इसे एक अभियान के रूप में चलाया जाएगा.
खाप चौधरी ब्रजपाल सिंह ने कहा कि समाज का फैसला सर्वोपरि होता है. सभी बुद्धिजीवी लोग यहां हैं. राजस्थान मे जो फैसला लिया गया वो बहुत अच्छा और सराहनीय है. हमारा समाज भी इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लेगा. लड़कियों की तरह लड़कों का भी स्मार्टफोन बैन किया जाएगा. दोनों में कोई अंतर नहीं है. उत्तर प्रदेश मे जितने भी खाप चौधरी और थाम्बा चौधरी है, सभी इसका समर्थन करेंगे. ये एक अच्छी पहल है.
पंचायत में कहा गया कि समाज हित में वह गांव-गांव जाएंगे और मीटिंग कर लोगों को जागरूक करेंगे.
चौधरी ब्रजपाल सिंह ने कहा अब जैसे हमारे लड़के घर में हॉफ पैंट पहनते है. ऐसे ही वे बाहर भी निकल जाते हैं. इस पर भी हम विचार कर रहे हैं. इन लड़कों का घर से बाहर हॉफ पैंट पहनकर घूमने पर बैन लगेगा. हमें समाज और संस्कारों का पूरा ध्यान रखना है.
दागढ़ खाप चौधरी ओमपाल सिंह ने कहा कि 18 साल से कम उम्र के लड़कों को स्मार्टफोन नहीं देना चाहिए. अगर देना भी पड़ता है तो किसी ठीक यूज के लिए दें. घर पर ही फोन से पढ़ाई करवाएं.
पंचायत में चर्चा हुई कि गेस्टहाउस में शादी से पैसे के साथ ही खाना भी बर्बाद होता है. जब हम शादी पर घर में देवता बैठाते हैं तो बाहर जाकर शादी क्यों करते हैं. इसका कोई औचित्य नहीं. इसी वजह से शादी टूट रही है. शादी घर से ही होनी चाहिए.
शादी के कार्ड अक्सर बांटने के दौरान घर वाले हादसे का शिकार हो जाते हैं. एक्सीडेंट से बचाने के लिए शादी के कार्ड व्हाट्सऐप से स्वीकार सकते हैं. फोन करने पर भी न्यौता मंजूर कर लें. इससे समाज में अच्छा संदेश जाएगा. पंचायत में तय हुआ कि यह संदेश अन्य पंचायतों तक भी पहुंचाया जाएगा.

