कानपुर 30 दिसंबर। कानपुर आईआईटी में बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र जय सिंह मीणा (26) ने रविवार रात फंदा लगाकर जान दे दी। इससे पहले उसने चार बार हाथ की नस काटने की कोशिश की। एक नोट बुक में सुसाइड नोट… सॉरी एवरी वन लिखा मिला है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
कल्याणपुर एसीपी आशुतोष कुमार ने बताया कि राजस्थान के अजमेर के अवधपुरी निवासी गौरीशंकर का बेटा जय सिंह मीणा आईआईटी में बायोलॉजिकल साइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग में बीटेक अंतिम वर्ष का था। हॉस्टल नंबर दो के कमरा नंबर 148 में रहता था।
परिजन के लगातार फोन करने के बाद जब कॉल रिसीव नहीं हुई तो उसके दोस्त से बात की। इसके बाद सोमवार सुबह आईआईटी प्रशासन को घटना की जानकारी हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने दरवाजा तोड़ा तो छात्र का शव पाइप से चादर के सहारे लटका मिला।
छात्र के नोट बुक में एक लाइन का सुसाइड नोट लिखा मिला है। फॉरेंसिक ने बुक और मोबाइल को जांच के लिए कब्जे में लिया है। छात्र के परिजनों को जानकारी दे दी गई है। एसीपी के मुताबिक शव करीब 10-12 घंटे पुराना लग रहा है।
वहीं, एडीसीपी पश्चिम कपिल देव सिंह ने बताया कि घटना के पीछे का कारण परिजन के आने पर पता चलेगा। परिजन अगर आरोप लगाते हैं तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। बताया कि कमरे में साथ रहने वाला दोस्त छुट्टी पर घर गया है। उससे भी जानकारी जुटाई जा रही है कि आखिरकार क्या छात्र जयसिंह ने उसे कोई बात साझा की थी।
बैक पेपर क्लियर न होने से दो बार प्लेसमेंट में नहीं मिला मौका तो चुनी मौत
आईआईटी के बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र जयसिंह की सुसाइड मामले में प्रशासन पर सवाल उठा दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक छात्र का बैक पेपर क्लियर न होने की वजह से उसे दो बार प्लेसमेंट में शामिल होने का मौका नहीं मिला। साथ ही उसका बैक पेपर अभी भी क्लियर नहीं हुआ था। इस कारण हताश होकर उसने जान दे दी।
आईआईटी में एक बार फिर आत्महत्या की घटना ने संस्थान की काउंसलिंग और छात्र सहयोग व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीटेक छात्र जयसिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या वह पढ़ाई के दबाव में था।
संस्थान प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जयसिंह की एकेडमिक रिपोर्ट तलब की है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कहीं अकादमिक तनाव, ईयर बैक की आशंका या अन्य कारण इस दुखद कदम के पीछे तो नहीं थे।
जानकारी के अनुसार, जयसिंह ने वर्ष 2020 में बीटेक के बायोलॉजिकल सांइसेज एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग में दाखिला लिया था। चार साल का कोर्स 2024 में पूरा हो जाना चाहिए था।

