नई दिल्ली 29 दिसंबर। केंद्र सरकार राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल सरकारी कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी के नियमों में बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया है। नए दिशा-निर्देशों में मुख्य रूप से उन कर्मचारियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो एक सेवा से रिटायर होने के बाद दोबारा सरकारी नौकरी में शामिल होते हैं।
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग पेंशन ने हाल ही में इस संबंध में कार्यालय आदेश जारी किया है, जिसमें बताया गया कि किन हालतों में कर्मचारी को दोबारा नौकरी (री-एम्प्लॉयमेंट) के लिए अलग से ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी। यह कदम कर्मचारियों के बीच चल रहे उन भ्रमों को दूर करने के लिए उठाया है जो केंद्रीय सिविल सेवा (एनपीएस के तहत ग्रेच्युटी भुगतान) संशोधन नियम-2025’ को लेकर बने हुए थे।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी कर्मचारी को नियम विरुद्ध ग्रेच्युटी का दोहरी लाभ न मिले और साथ ही सैन्य कर्मियों के हितों की रक्षा हो सके।
सैन्य कर्मियों को राहत: सेना से रिटायर होकर सिविल सेवा (जैसे पुलिस या अन्य सरकारी विभाग) में आने वाले जवानों के लिए अच्छी खबर है। विभाग ने साफ किया है कि सैन्य सेवा के दौरान मिली ग्रेच्युटी का असर उनकी नई सिविल सेवा की ग्रेच्युटी पर नहीं पड़ेगा। यानी सिविल सेवा में दोबारा नियुक्ति के बाद वे बिना किसी पुरानी कटौती के पूरी ग्रेच्युटी के हकदार होंगे।
इन कर्मचारियों को नहीं मिलेगी दोबारा ग्रेच्युटी
नए निर्देशों के मुताबिक, अगर कोई सरकारी कर्मचारी अनिवार्य सेवानिवृत्ति (उम्र पूरी होने पर), स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या सेवा से हटाए जाने के बाद ‘अनुकंपा ग्रेच्युटी’ ले चुका है और फिर से सरकारी नौकरी में आता है, तो उसे दोबारा की गई सेवा की अवधि के लिए अलग से ग्रेच्युटी नहीं दी जाएगी।
कुल ग्रेच्युटी पर सीमा
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन कर्मचारियों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार – दोनों में सेवा की है, उन्हें मिलने वाली कुल ग्रेच्युटी पर एक सीमा लागू होगी।
राज्य और केंद्र से अलग-अलग मिली ग्रेच्युटी का कुल योग उस राशि से अधिक नहीं हो सकता, जितनी ग्रेच्युटी तब मिलती यदि पूरी सेवा एक ही सरकार के अधीन की गई होती।

