बाराबंकी 25 दिसंबर। दरियाबाद क्षेत्र के ग्राम मथुरानगर में वर्ष 2014 में एक ही परिवार के चार लोगों की जघन्य हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह की न्यायालय ने एक महिला समेत छह हत्याभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सभी अभियुक्तों चन्द्रशेखर, राजू वर्मा, अर्जुन सिंह, दिनेश गौतम, जितेन्द्र कुमार व जानकी उर्फ जनकलली उर्फ मंजू को 75-75 हजार का अर्थदंड भी लगाया।
दरियाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम मथुरानगर में करीब 11 साल पहले एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या की गई थी। कोतवाली रामसनेहीघाट के ग्राम दुलहदे निवासी मनोज वर्मा ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि दस फरवरी 2014 को वह मथुरानगर अपने मौसा शिवबरन वर्मा के घर गया था। घर का दरवाजा खुला हुआ था। मौसा शिवबरन, मौसी रानी व उनकी बेटी गुड़िया व बेटे निर्मल के शव पड़े थे। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच में पता चला कि शिवबरन के पुत्र चंद्रशेखर की पत्नी जनकलली की निगाह ससुर की बीस बीघे जमीन पर थी। उसकी जमीन पर कब्जा करने की नीयत से उसने एक षडयंत्र रचा और अपने पति चंद्रशेखर और भाड़े के हत्यारे बुलाकर हत्या की साजिश रची। इसके बाद सभी ने मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया।
शिवबरन वर्मा ने तीन शादियां की थी। पहली पत्नी से पुत्री गुड़िया थी। पहली पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरा विवाह किया जिससे पुत्र चन्द्रशेखर था। कुछ दिन बाद दूसरी पत्नी उन्हें छोड़ गई थी। फिर उसने तीसरा विवाह किया जिससे उसका पुत्र निर्मल था। बाद में शिवबरन को लकवा मार गया। बीमारी में वह तीसरी पत्नी, पुत्र निर्मल व पुत्री गुड़िया के साथ रहने लगे। अपनी पुश्तैनी जमीन को बेचकर वह अपना इलाज कराते थे। उनके पुत्र चन्द्रशेखर ने चाचा रामबरन की विधवा बहू जनकलली से प्रेम विवाह कर लिया था। बहू जनकलली ने ही शिवबरन की जमीन हड़पने के लिए हत्याकांड की साजिश रची थी।
यह वारदात शादियाबाद थाना क्षेत्र के हंसराजपुर गांव में हुई थी. यहां साल 2008 में जमीन बंटवारे के विवाद को लेकर एक ही परिवार ने मिलकर दो लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी. चारों दोषियों ने श्रीराम सिंह और लक्ष्मण अवतार पर लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से जानलेवा हमला किया था.
हमले में गंभीर रूप से घायल श्रीराम सिंह की घटना के अगले दिन मौत हो गई थी, जबकि लक्ष्मण अवतार कोमा में चले गए थे. 1 महीने 23 दिन बाद उनकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस केस में कुल 11 लोगों की गवाही और वादी मुकदमा के बयान के आधार पर अदालत ने चारों आरोपियों को दोषी ठहराया. शासकीय अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह ने बताया कि अदालत ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर यह सख्त सजा सुनाई है.

