नई दिल्ली 22 दिसंबर। ट्रेन में सफर करना अब थोड़ा महंगा होगा। रेलवे ने यात्रियों के किराये में 10 से 50 रुपये तक की बढ़ोतरी की है। नई दरें 26 दिसंबर 2025 से लागू कर दी जाएंगी।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 215 किलोमीटर से अधिक दूरी के सफर पर साधारण श्रेणी में एक पैसा प्रति किलोमीटर किराये की बढ़ोतरी की गई। रेलवे बोर्ड ने रविवार को इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया। इसके अनुसार, किराये के ढांचे को तर्कसंगत बनाया गया है। रेलवे को बढ़े किराये से 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी।
दैनिक यात्रियों और कम दूरी का सफर करने वालों पर बोझ नहीं डाला गया है। हालांकि, पहले से रिजर्वेशन करा चुके रेल यात्रियों से बढ़ा हुआ किराया नहीं लिया जाएगा। रेलवे के अनुसार, लोकल (उपनगरीय सेवा) ट्रेनों और मंथली सीजन टिकट (एमएसटी) के किराये में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेलवे की ओर से ट्रेन टिकट के दाम में इस साल की दूसरी बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले जुलाई की पहली तारीख को रेल किराया बढ़ाया गया था। तब भी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के किराये में 1 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई थी।
दिल्ली से इन स्टेशनों के लिए टिकट के दाम नहीं बढ़ेंगे
रेल नेटवर्क में राजधानी दिल्ली से जुड़े 215 किलोमीटर के दायरे में जो भी रेलवे स्टेशन आते हैं, वहां तक के रेल किराये में ज्यादा पैसे नहीं देने होंगे. ऐसे स्टेशनों की यात्रा के लिए साधारण श्रेणी में किराया नहीं बढ़ेगा.
यूपी बेल्ट (पूर्व और दक्षिण-पूर्व दिशा)
दिल्ली से पूर्व की ओर बढ़ते ही ये स्टेशन आते हैं, जो 215 किमी के दायरे में हैं. ये बेल्ट सबसे ज्यादा पैसेंजर और डेली कम्यूटर ट्रैफिक संभालता है.
गाजियाबाद → मेरठ → मुजफ्फरनगर
बुलंदशहर → खुर्जा → अलीगढ़
मथुरा → आगरा कैंट
हाथरस, एटा, कासगंज
हरियाणा बेल्ट (उत्तर और पश्चिम दिशा)
दिल्ली से निकलते ही हरियाणा का बड़ा रेल नेटवर्क जुड़ता है. इस रूट में भी दैनिक यात्रियों की अच्छी-खासी संख्या है. ये बेल्ट औद्योगिक और नौकरीपेशा यात्रियों के लिए बेहद अहम है.
सोनीपत → पानीपत → करनाल → कुरुक्षेत्र
अंबाला कैंट
रोहतक, झज्जर
रेवाड़ी, महेंद्रगढ़
फरीदाबाद, पलवल
राजस्थान बेल्ट (दक्षिण-पश्चिम दिशा)
दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने पर राजस्थान के कई स्टेशन आते हैं. इधर दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा रूट भी निकलते हैं.
अलवर
भरतपुर
बांदीकुई
दौसा
रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पिछले एक दशक यानी दस वर्षों में भारतीय रेलवे ने अपने नेटवर्क को काफी बढ़ाया है और अब देश के दूर-दराज इलाकों तक सेवाएं पहुंच रही हैं. यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और बेहतर सेवाएं देने के लिए रेलवे ने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई है. इसके कारण कर्मचारियों पर खर्च बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रुपए हो गया है और पेंशन पर खर्च 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. वर्ष 2024-25 में रेलवे का कुल खर्च 2.63 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
इन बढ़े हुए खर्चों को पूरा करने के लिए रेलवे माल ढुलाई (कार्गो) को बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दे रहा है. इसके साथ ही यात्रियों के किराए में थोड़ा-सा बदलाव किया गया है. रेलवे ने बताया कि इन सुधारों से सुरक्षा भी बेहतर हुई है और भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा माल ढुलाई करने वाला रेलवे बन गया है.

