लखनऊ 25 नवंबर। आगरा – लखनऊ एक्सप्रेसवे मुआवजा घोटाले में जांच का दायरा अभी और बढ़ेगा। इसमें 12 लोगों के नाम भी सामने आए हैं। आरोपी लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार और एसडीएम को नोटिस जारी किया जाएगा। इन पर राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी कर मुआवजा दिलाने का आरोप है।
राजस्व परिषद के आदेश के बाद लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख जी ने सोमवार से घोटाले की जांच शुरू कर दी है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे लखनऊ, फिरोजाबाद, औरैया, कन्नौज, कानपुर नगर, उन्नाव मैनपुरी, इटावा, आगरा व हरदोई से होकर गुजरता है। इसके निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर समिति का गठन किया गया था। राजस्व अधिकारियों ने लखनऊ के सरोसा-भरोसा गांव की भूमि के गाटा संख्या-तीन की 68 बीघा, 11 बिस्वा और 11 बिस्वांसी भूमि में से करीब दो बीघा भूमि पर अनुसूचित जाति के भाई लाल व बनवारी लाल को काबिज दिखा कर राजस्व अधिकारियों ने 1,09,86,415 रुपये का मुआवजा जारी कर दिया था।
तत्कालीन लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार और एसडीएम ने राजस्व रिकॉर्ड में कई लोगों को वर्ष 2007 से पहले से काबिज दिखा कर मुआवजा घोटाले को अंजाम दिया था। अपात्र लोगों को मुआवजा देने की शिकायत के बाद राजस्व परिषद ने पूरे मामले की पड़ताल की थी। हालांकि राजस्व परिषद की जांच में घोटाले का राजफाश होने के बाद अब लखनऊ के जिलाधिकारी की जांच में तत्कालीन राजस्व अधिकारियों सहित 12 लोगों को शामिल किया जाएगा।
इनमें भाई लाल, बनवारी लाल, ज्ञानवती, विशुना देवी, कल्लू, जगदीश, दुलारे, शिवकुमार, जगदई, नन्द किशोर, विशाल व महाराजा के नाम शामिल हैं। वहीं उन्नाव में बांगरमऊ तहसील के कई किसानों से कम मुआवजा दिए जाने की शिकायत की थी, लेकिन उक्त शिकायत पर गौर नहीं किया गया।
यह है नियम, जिसका उठाया लाभ
जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम-1950 की धारा 122 बी (4 एफ) के अनुसार, अगर किसी जमीन पर अनुसूचित जाति का कोई व्यक्ति वर्ष 2007 से पहले से काबिज है, तो उसे हटाया नहीं जाएगा। इसके बजाय उसे पहले पांच वर्षों के लिए जमीन पर असंक्रमणीय भूमिधर अधिकार दिया जाएगा। उसके बाद उसे संक्रमणीय भूमिधर अधिकार मिलेगा।
कन्नौज में 12 वर्षों बाद भी नहीं हो सकी वसूली
कन्नौज में एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए तिर्वा और छिबरामऊ तहसील क्षेत्र की भूमि को लेकर हुए मुआवजा घोटाले की जांच के बाद आरोपितों पर मुकदमा दर्ज कर नोटिस भी जारी किए गए थे, लेकिन वसूली आज तक नहीं हो सकी है। यहां 146 लोगों को 5.86 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था। लाभार्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी और तब से मामला लटका हुआ है। डीएम आशुतोष मोहन अग्निहोत्री ने बताया कि जांच की जानकारी मिली है। आदेश होगा तो यहां भी जांच कराई जाएगी।

